नई दिल्लीः रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के रूख से सभी देश वाकिफ है। नाटो देश के अप्रत्यक्ष मदद के सहारे यूक्रेन भी युद्ध भूमि में रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है। वहीं रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कूटनीतिक तरीके से इस समस्या को हल करने में लगा है। जिससे […]
नई दिल्लीः रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के रूख से सभी देश वाकिफ है। नाटो देश के अप्रत्यक्ष मदद के सहारे यूक्रेन भी युद्ध भूमि में रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है। वहीं रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कूटनीतिक तरीके से इस समस्या को हल करने में लगा है। जिससे नारज होकर अमेरिका ने साथी देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव को लेकर आया। इस प्रस्ताव में रूस के जनमत संग्रह को अवैध बताने के साथ- साथ रूस तत्काल प्रभाव से यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाने की बात कही गयी थी।
शीत युद्ध के बाद विश्व में बनी अमेरिकी मोनोपोली को अब वैश्विक मंचों पर भी चुनौती मिलनी शुरू हो गई है। बता दें रूस ने यूक्रेन से चार इलाकों को जनमत संग्रह के आधार पर अपने देश में शामिल कर लिया है। रूस के इस फैसले से नाराजगी जताते हुए अमेरिका और अल्बानिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आए। प्रस्ताव के पक्ष में 10 देशों ने समर्थन दिया। वहीं भारत, चीन, ब्राजील और गैबॉन ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाई। हालांकि इस प्रस्ताव को रूस ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करके खारिज कर दिया।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अभी भी जारी है। कई महीनों से चल रहे इस युद्ध में रूस ने नई रणनीति बनाई है। रूस ने जनमत संग्रह के आधार पर यूक्रेन के 4 इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया और खेरसॉन को अपने में विलय कर लिया है। साथ ही रूस ने यूक्रेन के अप्रत्यक्ष साथियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब इन इलाकों में किसी प्रकार सैन्य चुनौती देने की कोशिश की, तो वह पूरी ताकत से इसका प्रत्युत्तर देगा।
यूक्रेनी क्षेत्रों में रूस ने जनमत संग्रह करवाया। यह जनमत संग्रह 23 से 27 सितंबर के बीच यूक्रेनी क्षेत्रों के डोनेत्स्क, लुहांस्क, जेपोरीजिया और खेरसॉन में हुआ था। जनमत संग्रह के नतीजों को लेकर रूस ने दावा किया है कि इन चारों इलाकों के ज्यादातर लोगों ने रूस के पक्ष में वोट दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, डोनेत्स्क में 99.2%, लुहांस्क में 98.4%, जेपोरीजिया में 93.1% और खेरसॉन में 87% लोगों ने रूस के साथ जाने के पक्ष में वोट दिया है। बता दें कि 2014 में भी रूस ने क्रीमिया को जनमत संग्रह के आधार पर ही अपना अधिकारिक हिस्सा बनाया।
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