नई दिल्ली। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की प्रमुख किम्बर्ली चीटल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले की जिम्मेदारी ली है। दरअसल ट्रंप की सुरक्षा में चूक को लेकर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उनपर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। ट्रंप के समर्थक भी इस्तीफे की […]
नई दिल्ली। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की प्रमुख किम्बर्ली चीटल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले की जिम्मेदारी ली है। दरअसल ट्रंप की सुरक्षा में चूक को लेकर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उनपर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। ट्रंप के समर्थक भी इस्तीफे की मांग रहे थे।
किम्बर्ली चीटल के इस्तीफे पर रिपब्लिकन हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने सही काम किया है। हालांकि उन्होंने बहुत देर कर दी। ये काम उन्हें एक सप्ताह पहले ही कर देना चाहिए था। मुझे खुशी हुई कि उन्होंने रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों की अपील पर ध्यान देते हुए इस्तीफा दे दिया।
साल 1865 में ट्रेजरी डिपार्टमेंट की शाखा के तौर पर सीक्रेट सर्विस शुरू की गई थी। पहले इसका काम जाली करेंसी को रोकना था। उस समय अमेरिका में फेक करेंसी बहुत बनाई जाती थी। 1901 में तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई, जिसके बाद इस एजेंसी को राष्ट्रपति की सुरक्षा का भी जिम्मा दे दिया गया। वर्तमान में यह एजेंसी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति की सुरक्षा के साथ-साथ अमेरिका में आर्थिक घोटालों पर नजर रखता है।
सीक्रेट सर्विस के पास वारंट इश्यू करने की शक्ति होती है। हालांकि ये बिना वारंट के भी गिरफ्तारी कर सकते हैं। सीक्रेट सर्विस की यूनिट में 1300 डिवीजन ऑफिसर्स और 2 हजार से ज्यादा टेक्निकल और सपोर्ट पर्सनल काम करते हैं। इनके पास 3200 स्पेशल एजेंट्स हैं। वर्तमान में किंबरली ए चीटल इसकी डायरेक्टर थीं। ट्रंप पर हमले के बाद से चीटल से इस्तीफे की मांग की जा रही थी।