नई दिल्ली: इस साल का नोबेल मेडिसिन पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को संयुक्त रूप से दिया गया है। स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की नोबेल कमेटी ने 7 अक्टूबर 2024 को इसकी घोषणा की। इन वैज्ञानिकों को उनकी माइक्रोआरएनए की खोज के लिए यह सम्मान मिला है।
विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन ने कोशिकाओं के विकास और कार्य करने के तरीके को समझने के लिए काम किया। उन्होंने माइक्रोआरएनए नामक छोटे आरएनए अणुओं की एक नई श्रेणी की खोज की, जो जीन विनियमन में अहम भूमिका निभाते हैं। इस खोज ने जीन को नियंत्रित करने के सिद्धांत में एक नई क्रांति ला दी है और यह साबित किया है कि मनुष्य समेत सभी बहुकोशिकीय जीवों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। अब यह पता चला है कि मानव जीनोम में 1,000 से भी ज्यादा माइक्रोआरएनए होते हैं।
इस पुरस्कार के तहत 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (करीब 10 करोड़ रुपये) की इनामी राशि दी जाएगी। यह पुरस्कार अधिकतम तीन लोगों के बीच साझा किया जा सकता है। चिकित्सा पुरस्कार हर साल नोबेल पुरस्कारों की घोषणा में सबसे पहले आता है, इसके बाद भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी।
2023 में यह सम्मान कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला था। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ mRNA वैक्सीन विकसित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
एम्ब्रोस और रुवकुन की यह खोज जीन विनियमन के लिए एक बिल्कुल नया रास्ता खोलती है। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि मानव शरीर कैसे विकसित होता है और विभिन्न बीमारियों से कैसे लड़ता है।
ये भी पढ़ें: इसलाम के साथ लड़की ने की छेड़छाड़ तो भड़क उठे जाकिर नायक, मांफी मांगने पर भी नहीं कबूला
ये भी पढ़ें: हमास अटैक की बरसी से पहले दहला इजरायल, हिजबुल्लाह ने कर दी रॉकेटों की बरसात
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित एक मशहूर यूनिवर्सिटी में दो लड़कियों के बीच हुई…
देवरिया की रहने वाली है। मांग में सिंदूर लगाए इस महिला के बगल में दो…
यह पत्र जवाहरलाल नेहरू ने 20 जनवरी 1946 को अमृत कौर के नाम से लिखा…
तमिलनाडु के थिरुपुरुर स्थित श्री कंडास्वामी मंदिर के दानपात्र में गलती से एक शख्स का…
कभी महाकुम्भ मेले में आ के देखिए... चाय तो बहुत पीते हैं लेकिन असली चाय…
मैमनसिंह और दिनाजपुर क्षेत्र में तीन हिंदू मंदिरों में आठ मूर्तियों को तोड़ दिया गया।…