राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘‘आपने असाधारण पीड़ा झेली है और हम नहीं चाहते कि कोई और उस पीड़ा से गुजरे. यह सही नहीं होगा.’’
वॉशिंगटन. गोलीबारी की घटनाओं पर कार्रवाई के बढ़ते दबाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका समाधान खोजने का आज (22 फरवरी) संकल्प लिया. उन्होंने पिछले सप्ताह फ्लोरिडा में हुई गोलीबारी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए टीचर्स को हथियार मुहैया कराने की राय भी दी. मारजोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में 14 फरवरी की गोलीबारी में जिंदा बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से भावनाओं से भरी दास्तानों पर प्रतिक्रिया करते हुए श्रुति सत्र के ‘‘दो मिनट’’ बाद स्कूलों में गोलीबारी पर कार्रवाई करने का संकल्प लिया.
श्रुति सत्र की मेजबानी वाइट हाउस के स्टेट डाइनिंग रूम ने की, जिसमें ट्रंप नाराज छात्रों और अभिभावकों से रूबरू हुए. इन लोगों ने बंदूक से होने वाली हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. ट्रंप ने कहा, ‘‘ हम सबकुछ सीखना चाहते हैं जो हम सीख सकते हैं. इस बैठक के करीब दो मिनट बाद हम काम करने जा रहे हैं. यह एक दीर्घकालीन स्थिति है जिसे हम मिल कर हल करेंगे.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आपने असाधारण पीड़ा झेली है और हम नहीं चाहते कि कोई और उस पीड़ा से गुजरे. यह सही नहीं होगा.’’ इस दौरान स्कूल हमले में मारी गई एक छात्रा के पिता ए. पोलॉक ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश एकजुट हो जाए.
पोलॉक ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के रूप में हम अपने बच्चों को बचाने में नाकाम रहे. यह नहीं होना चाहिए था.’’ एक छात्र सैम जेफ ने स्कूल की घटना के बाद दोबारा स्कूल जाने, यहां तक की पार्क जाने में भी डर लगने की बात कही. ट्रंप ने सभी की बातों को गंभीरता से सुना और लोगों से पूछा कि क्या उनके पास स्कूल में गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए कोई सुझाव हैं. तभी कार्यक्रम में मौजूद एक व्यक्ति ने सुझाव दिया कि स्कूल में टीचर, प्रशासकों जिनके पास भी हथियार रखने का लाइसेंस है वे कक्षाओं में हथियार लॉक करके सुरक्षित रख सकते हैं और उन्हें ट्रेनिंग दी जा सकती है. इससे एेसा लगा कि ट्रंप को यह सुझाव अच्छा लगा.