दुनिया

अमेरिका का बड़ा एक्शन, रूस-चीन के 400 से ज्यादा संस्थानों और लोगों पर लगाया कड़ा प्रतिबंध, कई देशों पर भी गिरी गाज

नई दिल्ली: राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने वाले 400 से ज्यादा संस्थानों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इनमें रूस और चीन के कई बड़े नाम शामिल हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने 23 अगस्त को बयान जारी कर बताया कि इस नई प्रतिबंध सूची में वे संस्थान और लोग शामिल हैं जो रूस को युद्ध के दौरान प्रतिबंधों से बचने और सैन्य सहायता देने में मदद कर रहे हैं।

इस सूची में रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के बेटे पावेल बेलौसोव समेत 34 रूसी व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा बेलारूस, इटली, तुर्किये, ऑस्ट्रिया, लिक्टेनश्टाइन और स्विट्जरलैंड के कुछ नागरिकों पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं।

किन देशों और संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध

अमेरिकी वाणिज्य विभाग के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने 131 नई संस्थाओं को अपनी “एंटिटी लिस्ट” में शामिल किया है। इनमें रूस और यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र की 63, चीन और हांगकांग की 42, और तुर्किये, ईरान और साइप्रस की 14 संस्थाएं शामिल हैं। अमेरिका का कहना है कि इन संस्थाओं ने रूस को प्रतिबंधों से बचने और युद्ध में सहयोग करने में मदद की है।

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बताया कि वे रूस और बेलारूस को अमेरिकी उत्पादों की आपूर्ति पर भी प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा दो चीनी मशीन टूल आपूर्तिकर्ताओं और छह चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को भी इस प्रतिबंध सूची में डाला गया है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जताया आभार

अमेरिकी फैसले पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस बार के प्रतिबंध पैकेज में रूस के ऊर्जा और ईंधन क्षेत्रों को खास तौर पर निशाना बनाया गया है।

अमेरिका का कहना है कि रूस ने अपनी पूरी अर्थव्यवस्था को सैन्य औद्योगिक तंत्र के लिए एक उपकरण में बदल दिया है। अमेरिका ने दुनिया भर की कंपनियों और सरकारों से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनका कोई भी सहयोग रूस के सैन्य तंत्र को समर्थन न दे।

कई बड़े नामों पर कसा गया शिकंजा

इस प्रतिबंध सूची में रूस के व्यापारी मैक्सिम मार्चेंको का भी नाम शामिल है, जिनके तुर्की, हांगकांग और रूसी साझेदारों को अमेरिका से माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही रूस की कई वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों पर भी अमेरिका की नजर है। अमेरिका का यह नया प्रतिबंध पैकेज रूस के खिलाफ उसकी कठोर नीति को और मजबूत करता है, जिससे रूस को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की रणनीति आगे बढ़ाई जा रही है।

 

ये भी पढ़ें: श्रीलंका नौसेना ने अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 11 भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार

ये भी पढ़ें: अरे बाप रे! डैम का मुआयना करने गए इंजीनियर साहब खुद बह गए, वीडियो देखकर दहल जाएंगे

Anjali Singh

Recent Posts

मुंबई एयरपोर्ट पर बेटी संग हुई स्पॉट ऐश्वर्या, न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए निकली ?

मुंबई एयरपोर्ट पर बेटी आराध्या बच्चन के साथ देखा गया। इस दौरान ऐश्वर्या ने पैपराजी…

12 minutes ago

दुनिया की सबसे पावरफुल महिलाओं की लिस्ट जारी, जानें कौन है सबसे ताकतवर?

वित्त मंत्री लगातार तीसरी बार फोर्ब्स की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहीं हैं.…

14 minutes ago

अवैध संबंधों का विरोध करना शख्स को पड़ा भारी, पत्नी के आशिक ने पीट-पीटकर ली जान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,…

14 minutes ago

White House में श्रीराम की एंट्री, ट्रंप को एक और भारतीय पर भरोसा, सौंपी AI की कमान

डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी टीम तैयार कर रहे हैं। ट्रंप ने…

21 minutes ago

Bigg Boss 18: 11वें हफ्ते की रैंकिंग लिस्ट में चौंकाने वाला उलटफेर, जानें टॉप 5 में कौन हैं आगे?

पहले मध्य सप्ताह में, दिग्विजय सिंह राठी को घर के सदस्यों के वोटों के आधार…

36 minutes ago