नई दिल्ली: अमेरिका ने अपनी संसद में तिब्बत से जुड़ा हुआ एक बिल पास किया गया है. इस महत्वपूर्ण एक्ट के जरिए अमेरिका दुनियाभर में तिब्बत को लेकर फैलाए गए चीनी झूठ का जवाब देगा. इसके साथ ही वो चीन और दलाई लामा के बीच बिना किसी शर्त के समझौता कराने का प्रयास भी करेगा. […]
नई दिल्ली: अमेरिका ने अपनी संसद में तिब्बत से जुड़ा हुआ एक बिल पास किया गया है. इस महत्वपूर्ण एक्ट के जरिए अमेरिका दुनियाभर में तिब्बत को लेकर फैलाए गए चीनी झूठ का जवाब देगा. इसके साथ ही वो चीन और दलाई लामा के बीच बिना किसी शर्त के समझौता कराने का प्रयास भी करेगा.
‘रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ नाम का यह बिल बुधवार (12 जून) को अमेरिका की संसद के दोनों सदनों (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट) में पास हुआ था. G7 समिट के लिए इटली गए राष्ट्रपति जो बाइडेन वापस लौटने के बाद इस बिल पर साइन करेंगे. बता दें कि इस बिल के जरिए अमेरिका के अधिकारी चीन के तिब्बत को अपना हिस्सा बताने वाले उसके दावों को खारिज करेंगे.
गौरतलब है कि इस बिल के लागू होने के बाद अमेरिकी संसद की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद माइकल मैक्कॉल 18 जून को भारत के दौरे पर आएंगे. इस दौरान वो तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा से धर्मशाला में मुलाकात करेंगे. अमेरिकी नेताओं का यह दौरा 2 दिन का होगा.
मालूम हो कि नैंसी पेलोसी वही नेता हैं, जिनके ताइवान दौरे का विरोध करते हुए चीन ने युद्ध की धमकी दे दी थी. ऐसे में तिब्बत को लेकर अमेरिकी बिल और दलाई लामा से अमेरिकी नेताओं की मुलाकात पर चीन का भड़कना तय है. चीन फिर से जंग की चेतावनी दे सकता है.
चीन अब मुझसे संपर्क करना चाहता है… तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का बड़ा बयान