नई दिल्ली, अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों को दुनिया के बनते बिगड़ते रिश्तों के रूप में देखा जाता है. जहां अब एक बार फिर अमेरिका ने अपनी ओर से पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर सफाई दी है. अमेरिका का कहना है कि वह पाकिस्तान और अपने द्विपक्षीय रिश्तों में दुष्प्रचार और झूठ को आने […]
नई दिल्ली, अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों को दुनिया के बनते बिगड़ते रिश्तों के रूप में देखा जाता है. जहां अब एक बार फिर अमेरिका ने अपनी ओर से पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर सफाई दी है. अमेरिका का कहना है कि वह पाकिस्तान और अपने द्विपक्षीय रिश्तों में दुष्प्रचार और झूठ को आने नहीं देंगे.
वॉशिंगटन स्थित अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने नियमित ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान द्वारा उसपर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है. नियमित ब्रीफ़िंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अमेरिका को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के आरोपों का खंडन करते हुए कहा- अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की किसी भी एक राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं किया जाता है, बल्कि वो क़ानून के शासन के सिद्धांत का समर्थन करता है.
The United States says Washington will not permit any disinformation and lies to interfere with the bilateral relationship with Pakistan@StateDeptSpox @ForeignOfficePk @usembislamabad https://t.co/fiLlp2X60P pic.twitter.com/wxvvKkL9vl
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) May 11, 2022
नेड ने अपने इस बयान में आगे पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी के बीच हुई मुलाकात का भी ज़िक्र किया. उन्होंने इस मुलाकात को साफ़ करते हुए कहा कि इस दौरान इस विषय पर भी बात की गई कि किस तरह दोनों देशों के बीच सहयोग को मज़बूत किया जाए. नेड ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिए दोनों देशों के बीच के सहयोग का भी ज़िक्र कर चुके हैं.
मालूम हो इस साल का मार्च महीना पाकिस्तान की सत्ता के लिए काफी उथल-पुथल से भरा रहा. जहां तत्कालीन पीएम इमरान खान पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव संसद में पेश किया था जिसपर मौजूदा सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी. राजनीतिक उठापटक के बाद संयुक्त विपक्ष ने शहबाज़ शरीफ को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था. उस दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान की सत्ता में इस बदलाव को लेकर विदेशी ताकतों के होने का ज़िक्र किया था और सीधा-सीधा इसका आरोप अमेरिका पर लगाया था. जिसको लेकर अमेरिका ने अपना पक्ष साफ़ कर दिया था.
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