नई दिल्ली, जब से रूस यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई है, तब से ही अमेरिका भारत पर रूसी हमले की आलोचना करने का दबाव (America on India) बना रहा है. रूस और यूक्रेन की जंग के बाद से अमेरिका को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत रूस के खिलाफ अमेरिका का साथ देगा, लेकिन भारत ने इस मामले में अभी तक संतुलित रुख अपनाया है. भारत ने रूस को सीधे कुछ भी बोलने की बजाय बातचीत से हल निकालने पर ज़ोर दिया है.
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारतीय मूल के एक अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि भारत को अब अवश्य ही यूक्रेन पर हो रहे रूसी आक्रमण की निंदा करनी चाहिए. अमेरिकी सांसद ने ये भी कहा है कि भारत को अब रूस या चीन से तेल भी नहीं लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि अब वो समय आ गया है जब भारत को तय करना होगा कि वो किस देश का साथ देना चाहता है.
एक इंटरव्यू के दौरान सख्त लहजे में अमेरिकी सांसद ने कहा कि, ‘मैं भारत को लेकर स्पष्ट हूं और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत पुतिन की निंदा करे. हमें पुतिन को अलग-थलग करने के लिए दुनिया को एकजुट करना ही होगा, और इसके लिए भारत का साथ आना ज़रूरी है.’
चीन का जिक्र करते हुए अमेरिकी सांसद ने कहा कि, ‘जब चीन ने भारत पर आक्रमकता दिखाई थी तब अमेरिका भारत के साथ था, उस समय पुतिन नहीं थे. ये समय भारत के लिए रूस की बजाय अमेरिका से हथियार खरीदने का है. आने वाले समय में हमें ये देखना होगा कि इस प्रक्रिया को कैसे आसान बनाया जा सकता है. इस समय हमें चीन को नियंत्रित करने के लिए एक सहयोगी के रूप में भारत की ज़रूरत है.’