नई दिल्ली: व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने साफ कह दिया है कि यह कदम तत्काल नहीं उठाया जाएगा। अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन की अप्रत्यक्ष मदद पहले से ही कर रहे हैं। अमेरिका में निर्मित लड़ाकू विमान भेजने की संभावना पता की जा रही है। यदि अमेरिका ने ऐसा किया तो रूस इससे और खफा […]
नई दिल्ली: व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने साफ कह दिया है कि यह कदम तत्काल नहीं उठाया जाएगा। अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन की अप्रत्यक्ष मदद पहले से ही कर रहे हैं। अमेरिका में निर्मित लड़ाकू विमान भेजने की संभावना पता की जा रही है। यदि अमेरिका ने ऐसा किया तो रूस इससे और खफा हो सकता है।
बीते पांच माह से जारी युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान भेजने पर विचार कर रहा है। इससे युद्ध और तेज होने का संदेशा है। इस जंग के वजह से पूरी दुनिया में कई संकट पैदा हो गए हैं। सबसे ज्यादा संकट खाद्यान्न आपूर्ति का है। दोनों देशों के बीच शुक्रवार को यूएन की मध्यस्थता में बड़ा करार हुआ है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने साफ कह दिया है कि यह कदम तत्काल नहीं उठाया जाएगा। अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन की अप्रत्यक्ष मदद पहले से ही कर रहे हैं। अब अमेरिका में बने लड़ाकू विमान भेजकर यूक्रेन की ताकत बढने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल अमेरिका में निर्मित लड़ाकू विमान भेजने की संभावना पता की जा रही है। यदि अमेरिका ने ऐसा किया तो रूस इससे और खफा हो सकता है। इस जंग के दौरान रूस और यूक्रेन दोनों को अब तक भारी नुकसान झेलना पड़ा है। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर अधिकार कर लिया है। वहीं जंग का अंत नजर नहीं आ रहा है।
रूस की वजह से कार्य में बाधा उत्पन्न हुआ है, उसके चलते पूरी दुनिया में खाद्य सामग्रियों पर महंगाई का असर आ गया है। FAO का फूड प्राइस इंडेक्स जो कि पूरी दुनिया में खाद्य सामग्रियों की कीमतों को ट्रैक करता है, मार्च में ही सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया था। यह ट्रैकर 1990 में शुरू किया गया था। यानि 32 वर्षों में खाद्य सामग्रियों के दाम सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किए गए थे।
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