नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दो दिन से भी कम समय बचा है और देश की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी पहले ही अर्ली वोटिंग के जरिए अपने वोट डाल चुकी है। सर्वे के मुताबिक ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कमला हैरिस की नजर भारतीय समुदाय के लोगों पर है। दिवाली पर अपनी भारत से जुड़ी कहानियां सुनाकर भारतीयों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, बाइडेन कमला के प्लान पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।
अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का साथ देने के कथित आरोप में 19 भारतीय कंपनियों समेत करीब 400 संस्थानों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले भी अमेरिका ने भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों को दोहराया था। चुनाव से पहले बाइडन प्रशासन का यह कदम भारतीय समुदाय को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार से दूर कर सकता है, जिसका सीधा असर कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने के सपने पर पड़ेगा।
भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध के कुछ ही घंटों बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हमने अमेरिकी प्रतिबंधों पर रिपोर्ट देखी है। भारत के पास रणनीतिक व्यापार और अप्रसार नियंत्रण पर एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा है। हम तीन प्रमुख बहुपक्षीय अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं – वासेनार समझौता, ऑस्ट्रेलिया समूह और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के सदस्य भी हैं और परमाणु हथियारों के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए यूएनएससी प्रतिबंधों और यूएनएससी संकल्प 1540 को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं।’
भारत ने आगे कहा कि हमारे अनुसार प्रतिबंधित लेनदेन और कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करती हैं। फिर भी, हम हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए सभी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
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