नई दिल्ली, अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार को ताइवान के दौरे पर पहुंच गई है. पेलोसी के इस दौरे पर चीन ने आपत्ति जताई है. चीन ने अमेरिका को धमकाया भी है, चीन का कहना है कि अगर अमेरिका गलत रास्ते पर खड़ा है, तो फिर इसका बहुत ही मजबूती से जवाब दिया […]
नई दिल्ली, अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार को ताइवान के दौरे पर पहुंच गई है. पेलोसी के इस दौरे पर चीन ने आपत्ति जताई है. चीन ने अमेरिका को धमकाया भी है, चीन का कहना है कि अगर अमेरिका गलत रास्ते पर खड़ा है, तो फिर इसका बहुत ही मजबूती से जवाब दिया जाएगा. ताइवान को लेकर एक बार फिर चीन और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं. लेकिन चीन की धमकी के बावजूद अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान के दौरे पहुँच गई हैं. ताइवान पहुँचने के बाद जहाँ चीन अमेरिका को धमकी पर धमकी दिए जा रहा है, वहीं अब नैंसी पेलोसी ने ट्वीट कर कहा है कि वे ताइवान के 2.3 करोड़ लोगों के साथ हैं.
ताइवान पहुँचने के बाद नैंसी पेलोसी ने ट्वीट कर लिखा कि हम जीवंत लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध हैं, हम ताइवान के लोगों के साथ हैं. उन्होंने आगे लिखा कि यह ट्रिप सिर्फ इंडो-पेसेफिक बॉर्डर ट्रिप का हिस्सा है. सिंगापुर, मलेशिया, साउथ कोरिया और जापान भी इस ट्रिप का ही हिस्सा हैं.
Our delegation’s visit to Taiwan honors America’s unwavering commitment to supporting Taiwan’s vibrant Democracy.
Our discussions with Taiwan leadership reaffirm our support for our partner & promote our shared interests, including advancing a free & open Indo-Pacific region.
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) August 2, 2022
बता दें नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीन अलर्ट हो गया है और वहां सिविल डिफेंस के अलार्म बज रहे हैं.
बता दें अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी सिंगापुर, मलेशिया, साउथ कोरिया और जापान के दौरे पर हैं, अब तक उनके ताइवान दौरे को लेकर कुछ साफ नहीं था. लेकिन अब व्हाइट हाउस का कहना है कि ताइवान का दौरा करना पेलोसी का अधिकार है इसलिए पेलोसी मंगलवार रात को ताइवान गई. 25 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब अमेरिकी सरकार का कोई अधिकारी ताइवान जा रहा है, ऐसे में चीन की बौखलाहट साफ़ देखने को मिल रही है.
नैंसी पेलोसी का प्लेन ताइपे के एयरपोर्ट पर उतरते ही चीन और बौखला गया. चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिका खतरनाक जुआ खेल रहा है और अब जो होगा उसकी सारी जिम्मेदारी अमेरिका की ही होगी, अमेरिका ने सारे विश्वास तोड़े हैं.
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