ब्राजील. Amazon RainForest Fire: अमेजन के जंगलों में पिछले करीब दो हफ्तों से आग लगी हुई है. पिछले पंद्रह दिनों से लगातार अमेजन के जंगल भयंकर आग की चपेट में हैं. आमतौर पर हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार आग 16 दिनों दिने के बाद भी शांत नहीं हुई है, जिसका आलम यह है कि आसपास के इलाके में आसमान काला पड़ गया है. बता दें कि ब्राजील के अमेजन फॉरेस्ट को दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है और यहां से पूरी दुनिया को करीब 20 फीसद ऑक्सीजन मिलती है. रिपोर्टेस के मुताबिक इस साल 8 महीनों में 73,000 बार आग की घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं पिछले साल यह आंकड़ा 39,759 था. इस बार की घटना 2013 के बाद की सबसे बड़ी घटना है. आग इतने बड़े स्तर पर है कि यहां के जंगल नष्ट होने की कगार पहुंच गए हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा रेन फॉरेस्ट अमेजन दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में है. ये जंगल इतने बड़े हैं कि यहां पर इनकी हरियाली के कारण ही हमारी पृथ्वी पर पूरी दुनिया की 20% ऑक्जीन यहां से निकलती है. इन जंगलों में आमतौर पर हर साल आग की घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार की घटना ने लोगों को अब चिंतित होने को मजबूर कर दिया है. अमेजन के जंगलों में पिछले 15 दिनों से लगी अगी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अमेजन के जंगलों में लगी आग ने इतना विकराल रूप ले लिया है कि ब्राजील का साओ पाउलो इलाके में धुंध छा गई है और वहां का आसमान काला पड़ गया है. ऐसे में अमेजन के जंगलों को इस तरह नष्ट होना चिंता की बात हैं. आग की वजह से वहां पर तेज हवाओं ने आसपास के लगभग 2,700 किमी क्षेत्र को प्रभावित किया है.
यूरोपियन यूनियन अर्थ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम के सैटेलाइट से ली गई आग की तस्वीरों में अमेजन, रोंडोनिया और अन्य राज्यों के जंगलों से आग की लपटें उठती दिखीं हैं. आग की वजह से इतना धुआं हो रहा है कि वहां पर दिन में ही शाम 3-4 बजे अंधेरा हो जाता है. ब्राजील में ताजा पर्यवारण स्थिति और इस घटना को लेकर पर्यावरण के जानकार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो को जिम्मेदार मानते हैं. लोग सोशल मीडिया पर जेयर बोलसोनारो की खूब आलोचना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि वह लकड़ी तस्करों और अवैध खनन में लोगों का तुष्टीकरण करते हैं जिससे जंगलों आज ऐसी हालत हो गई है. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने इन घटनाओं को लेकर एक एनजीओ को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि एनजीओ ग्रीन ग्रुप्स ने उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है क्योंकि उनकी सरकार ने एनजीओ की फंडिंग में कटौती कर दी है. बरहाल दोषी कोई भी हो, लेकिन इसका खामियाजा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हमारी पृथ्वी व उसके पर्यावरण को उठाना पड़ रहा है.
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