नई दिल्लीः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको में गहरी दोस्ती है। लुकाशेंको लंबे समय से बेलारूस की सत्ता पर काबिज हैं। पुतिन भी इस साल मार्च में छठी बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए थे। अब उनके दोस्त लुकाशेंको का भी सातवीं बार बेलारूस का राष्ट्रपति बनना पक्का समझा जा रहा हैं। बेलारूस में अगले वर्ष जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
लुकाशेंको 1994 से लगातार बेलारूस की राष्ट्रपति की कुर्सी पर काबिज हैं। पहली बार और सातवी बार राष्ट्रपति बनने तक के सफर में उनकी छवि तानाशाह के रूप में बन गई है। उन्हें यूरोप के आखिरी तानाशाह के नाम से भी जाना जाता है।
2020 में लुकाशेंको छठी बार राष्ट्रपति चुने गए थे। पिछले चुनाव में जब लुकाशेंको की जीत की घोषणा हुई थी, तब बेलारूस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद हजारों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। बेलारूस में तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद लुकाशेंको की सत्ता पर पकड़ मजबूत बनी हुई है।
अलेक्जेंडर लुकाशेंको का जन्म 31 अगस्त 1954 को हुआ था। उनके नाना ट्रोखिम इवानोविच लुकाशेंको यूक्रेन के सुमी प्रांत से थे। उनका पालन-पोषण उनकी मां ने अकेले किया था। उनकी मां एकातेरिना ट्रोफिमोवना लुकाशेंको रेलवे निर्माण स्थल पर काम करती थीं। बाद में वह रूसी सीमा के पास बेलारूस के एक छोटे से गांव में बस गईं।
लुकाशेंको ने बेलारूस के एक विश्वविद्यालय से कृषि की पढ़ाई की। इसके बाद 1975 से 1977 तक दो साल के लिए वह सोवियत सेना में भी शामिल हुए। लुकाशेंको सोवियत सेना में डिप्टी पॉलिटिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। लुकाशेंको और पुतिन अच्छे दोस्त माने जाते हैं। पुतिन की तरह लुकाशेंको भी सोवियत संघ के विघटन से नाराज थे। कहा जाता है कि लुकाशेंको एकमात्र सदस्य थे जिन्होंने सोवियत संघ के विघटन के खिलाफ वोट दिया था। सोवियत संघ के विघटन के बाद बेलारूस भी एक अलग देश बन गया।
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