नई दिल्ली, ब्रिटेन के राष्ट्रपति बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन सरकार में वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. ऋषि सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के पति हैं, जब से ऋषि सुनक की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की चर्चाएं तेज हुई हैं, तभी से ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंटरनेट पर खूब सर्च किया जा रहा है.
अक्षता मूर्ति एक बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती हैं, अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारत के दिग्गज कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की इकलौती बेटी हैं, उनका एक भाई भी है जिसका नाम रोहन है. रोहन भी सोरोको के संस्थापक हैं. ऋषि सुनक को ब्रिटेन में कई बार अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के कारोबार और टैक्स से जुड़े विवादों को लेकर घेरा गया लेकिन उन्होंने हर बार अपनी पत्नी और ससुराल का बचाव किया.
ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति का जन्म 1980 में हुआ था. जन्म के बाद अक्षता के माता-पिता काम के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गए, लेकिन अक्षता उस समय अपने दादा-दादी के साथ रहतीं थी. इस बार में अक्षता के पिता एनआर नारायण मूर्ति ने बताया था कि अक्षता को उसके ग्रैंडपेरेंट्स के पास छोड़ना उनका एक बहुत मुश्किल फैसला था. हर वीकेंड पर वे बेलगाम की फ्लाइट लेते थे और फिर एयरपोर्ट से एक कार रेंट पर लेकर हुबली जाते थे.
जब अक्षता फिर से अपने माता-पिता के पास वापस आई तो उनकी ज़िंदगी उतनी आसान नहीं थी जैसे ग्रैंडपेरेंट्स के साथ हुबली रहकर हुआ करती थी. धीरे-धीरे अक्षता का परिवार समृद्धि की ओर बढ़ता गया लेकिन फिर भी अक्षता के पैरेंट्स ने उसे स्कूल ले जाने और वापस लाने के लिए प्राइवेट कार की बजाय ऑटोरिक्शा ही चुनी. ऑटोरिक्शा से रोजाना स्कूल जाते हुए अक्षता के बहुत से दोस्त बन गए, रिक्शे वाले अंकल के साथ ही अक्षता की अच्छी दोस्ती हो गई थी.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अक्षता की ऋषि सुनक से मुलाक़ात हुई थी, ऋषि सुनक को प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप के तहत यहां एडमिशन मिला था. कॉलेज के दिनों में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया और इसके चार साल बाद बेंगलुरु में अक्षता और ऋषि की शादी हो गई.
अक्षता के पिता ने ऋषि सुनक के बारे में बात करते हुए बताया था, जब पहली बार अक्षता ने उन्हें अपने लाइफ पार्टनर के बारे में बताया तो उन्हें काफी बुरा लगा और जलन महसूस हुई. लेकिन जब वे ऋषि से मिले तो उन्होंने पाया कि वह एक ब्रिलियंट, हैंडसम और ईमानदार है, ऋषि के मिलने के बाद नारायणमूर्ति को पता चला कि क्यों अक्षता ने उन्हें अपना जीवनसाथी चुना है.
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