नई दिल्ली: Google के पूर्व CEO चैटजीपीटी जैसे एआई-आधारित उत्पादों को लेकर उठ रही प्रमुख आवाजों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गए हैं. श्मिट ने चैटजीपीटी जैसे एआई-आधारित टेक्नोलॉजी की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट के दौरान कहा है, AI एक […]
नई दिल्ली: Google के पूर्व CEO चैटजीपीटी जैसे एआई-आधारित उत्पादों को लेकर उठ रही प्रमुख आवाजों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गए हैं. श्मिट ने चैटजीपीटी जैसे एआई-आधारित टेक्नोलॉजी की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट के दौरान कहा है, AI एक ‘अस्तित्व संबंधी जोखिम’ पैदा करता है और इसमें “कई लोगों को नुकसान पहुंचाने या मारे जाने” की क्षमता है.
Google के पूर्व CEO ने कहा है कि AI संभवतः ‘जीरो डे एक्सप्लॉइट्स या ‘जीव विज्ञान के नए रूपों’ का पता लगाने या खोज करने में हमारी मदद करता है. पर साथ ही लोगों के लिए ‘अस्तित्व संबंधी जोखिम’ पैदा कर सकता है. हम कैसे जान सकते हैं कि AI जैसी तकनीक का इस्तेमाल प्रभावशाली होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है. ये कैसे सुनिश्चित किया जाए की कि लोग इन चीज़ों का दुरुपयोग न करें.
वहीं AI अधिनियम पर बोलते हुए, श्मिट ने स्वीकार किया कि उनके पास AI सिस्टम के प्रभावी अधिनियम के लिए कोई समाधान नहीं था, वहीं समाज के लिए यह एक विस्तृत सवाल खड़ा करता है. श्मिट ने यह भी कहा कि अभी ऐसी कोई संभावना नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में रेगुलेटरी सिस्टम बनाई जाएगी.
यूरोपीय संघ (EU) के कानून निर्माता पहले ही यूरोपीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अधिनियम पर प्रारंभिक समझौते पर पहुंच चुके हैं, जो एआई सिस्टम के प्रसार को विनियमित करने में मदद करेगा. बता दें कि इस साल मार्च में एलन मस्क सहित 1,000 से अधिक प्रमुख अधिकारियों ने एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए है, इस पत्र में एक नियामक प्रणाली होने तक AI मॉडल के प्रशिक्षण में छह महीने के ठहराव का जिक्र किया गया था.
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