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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की धमकी के बाद अब चीन का आया बयान, जानिए क्या कहा ?

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ताइवान को धमकी के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका के बयान पर पलटवार किया है। विदेश मंत्री वांग यी ने बाइडेन के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। वांग यी ने कहा, “चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मुद्दों […]

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की धमकी के बाद अब चीन का आया बयान, जानिए क्या कहा ?
  • May 23, 2022 4:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ताइवान को धमकी के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका के बयान पर पलटवार किया है। विदेश मंत्री वांग यी ने बाइडेन के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

वांग यी ने कहा, “चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मुद्दों पर समझौता करने के लिए चीन के पास कोई जगह नहीं है।” किसी को भी चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प को कम करके नहीं आंकना चाहिए।’

चीन-अमेरिका खतरे से खेल रहा है

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जापान के टोक्यो गए हैं। सोमवार की सुबह बाइडेन ने ताइवान के मुद्दे पर चीन को चेतावनी दी थी। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ताइवान को चीनी आक्रमण से बचाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि चीन खतरे से खेल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि हम ताइवान में शांति और स्थिरता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका जापान और अन्य देशों के साथ मजबूती से खड़ा है। बाइडेन ने चेतावनी दी कि अगर बीजिंग ने हमला किया तो अमेरिका ताइवान की सैन्य रूप से रक्षा करेगा।

अमेरिका क्यों कर रहा है ताइवान की रक्षा

बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ताइवान की रक्षा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अगर चीन हमला करता है तो अमेरिका सैन्य मदद से ताइवान की रक्षा करेगा। दरअसल, ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत अमेरिका ताइवान की रक्षा करने के लिए बाध्य है। यही वजह है कि अमेरिका ताइवान को हथियारों की आपूर्ति करता है।

ताइवान पर कब्जा करना गलत

बैठक में बाइडेन से पूछा गया कि अगर चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए सत्ता का इस्तेमाल करता है तो क्या अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा? इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा- हमने यही वादा किया था। हम वन चाईना नीति पर सहमत हुए, हमने उस पर हस्ताक्षर किए, लेकिन यह सोचना गलत है कि ताइवान को बलपूर्वक छीना जा सकता है। जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगा।

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