नई दिल्ली: श्रीलंका में लगे प्रतिबंध के बाद चीन का एक जासूसी जहाज मालदीव जा रहा है. खबरों के मुताबिक एक भारतीय सैन्य अधिकारी और एक स्वतंत्र शोधकर्ता के हवाले से ये खबर दी है. स्वतंत्र शोधकर्ता डेमियन साइमन ने सोशल नेटवर्क पर एक पोस्ट प्रकाशित की जिसमें उन्होंने लिखा कि चीनी जासूसी जहाज जियांग […]
नई दिल्ली: श्रीलंका में लगे प्रतिबंध के बाद चीन का एक जासूसी जहाज मालदीव जा रहा है. खबरों के मुताबिक एक भारतीय सैन्य अधिकारी और एक स्वतंत्र शोधकर्ता के हवाले से ये खबर दी है. स्वतंत्र शोधकर्ता डेमियन साइमन ने सोशल नेटवर्क पर एक पोस्ट प्रकाशित की जिसमें उन्होंने लिखा कि चीनी जासूसी जहाज जियांग आंग होंग को हिंद महासागर में देखा गया था, और वो मालदीव की ओर जा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों के हवाले से कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की चीन यात्रा के बाद से ये गतिविधियां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का साफ़ संकेत हैं. ये निश्चित तौर पर नई दिल्ली के लिए चिंताजनक विषय है, क्योंकि भारत ने 2022 में श्रीलंका सहित भारतीय तटों के पास चीनी जासूसी जहाजों की तैनाती पर आपत्ति जताई है. दरअसल नवंबर में राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार संभालने और सरकार का ध्यान चीन पर केंद्रित होने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, और मालदीव ने देश में तैनात करीब 80 भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग कर रही है.
बता दें कि अली साबरी ने कहा कि ‘हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है, कोई भी घटनाक्रम, जिसका हमारी सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है, तो वो जाहिर तौर पर हमारे लिए मज़ेदार विषय है’. दरअसल बीते साल भी चीन के जासूसी जहाज युआन वांग-5 ने श्रीलंका हंबनटोटा बंदरगार पर बहुत दिनों तक एक ही जगह ठहरा था, और ये चीन का बैलेस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज था. साथ ही भारत ने इस पर आपत्ति जताई और आशंका भी जताई कि ये भारत के मरीन एसेट्स का सर्विलांस कर सकता है, तो इस बार भी भारत की ऐसी ही चिंता में फसा हैं.
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