नई दिल्ली। दुनिया की तमाम टेक कंपनियों में छंटनी का सिलसिला अभी तक जारी है। कोरोना के बाद अब दुनियाभर में मंदी का प्रभाव बढ़ रहा है। दरअसल पिछले महीने जनवरी में ही कई टेक कंपनियों ने तकरीबन 50 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। जिसमें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कई बड़ी कंपनियों के नाम शामिल […]
नई दिल्ली। दुनिया की तमाम टेक कंपनियों में छंटनी का सिलसिला अभी तक जारी है। कोरोना के बाद अब दुनियाभर में मंदी का प्रभाव बढ़ रहा है। दरअसल पिछले महीने जनवरी में ही कई टेक कंपनियों ने तकरीबन 50 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। जिसमें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कई बड़ी कंपनियों के नाम शामिल है। आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं कि अब तक किन दिग्गज कंपनियों ने छंटनी की हैं।
मनोरंजन की दुनिया में अपना नाम बना चुकी डिज्नी ने भी छंटनी का सिलसिला शुरू कर दिया है। दरअसल कंपनी ने अपने सात हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का निर्णय ले लिया है। कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने यह सूचना खुद दी है। वहीं पिछले साल ही बॉब ने सीईओ का पद संभाला है।
दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी महीने में 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। यह छंटनी कंपनी के कार्यबल की पांच फीसदी थी। माइक्रोसॉफ्ट में कर्मचारियों को हटाने का काम मानव संसाधन और इंजीनियरिंग विभागों में से किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में माइक्रोसॉफ्ट ने कई विभागों में तकरीबन 1,000 कर्मचारियों को बाहर निकला था। वहीं पिछले साल जुलाई में भी कुछ कर्मचारियों की छंटनी की थी।
जनवरी में दिग्गज कंपनी अमेजन में छंटनी हुई थी। कंपनी के सीईओ एंडी जेसी ने बताया था कि छंटनी से कंपनी से करीब 18000 से ज़्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे। इस कंपनी ने भारत में तकरीबन 1000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
सोमवार को ही सामने आई खबर के अनुसार, एडटेक यूनिकॉर्न बायजू ने तकरीबन 1,500 कर्मचारियों की छंटनी की है। वहीं इससे पहले अक्टूबर में भी बायजू ने तकरीबन 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी, जो उसके कार्यबल का पांच प्रतिशत था।
जनवरी में आई खबर के मुताबिक, एलन मस्क ने ट्विटर के प्रोडक्शन विभाग में 50 कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बनाया है। वहीं पिछले साल अक्टूबर में ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क ने कई संगठनात्मक बदलाव किए और एक हफ्ते के अंदर ही उन्होंने 7,500 कमचारियों की छंटनी कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया, जो कंपनी के कार्यबल का करीब 50 प्रतिशत था।
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