नई दिल्ली, अफ़्रीकी देश इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के रूसी दूतावासों के बाहर युवकों की भारी भीड़ लगी हुई है. जहां बड़ी संख्या में युवा कतारों में खड़े हैं. लेकिन ऐसा क्यों हुआ? युद्ध की भर्ती के लिए सामने आये युवा दरअसल तस्वीरों में दिखाई दे रही ये भीड़ यूक्रेन और रूस के युद्ध […]
नई दिल्ली, अफ़्रीकी देश इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के रूसी दूतावासों के बाहर युवकों की भारी भीड़ लगी हुई है. जहां बड़ी संख्या में युवा कतारों में खड़े हैं. लेकिन ऐसा क्यों हुआ?
दरअसल तस्वीरों में दिखाई दे रही ये भीड़ यूक्रेन और रूस के युद्ध में भाग लेने के लिए खड़े थे. अफ्रीकी देश इथियोपिया में स्थित रूस के दूतावास के बाहर ये अफवाह उड़ी थी की यहां रूस और यूक्रेन के युद्ध के लिए सैनिकों की भर्ती की जा रही है. हालांकि बाद में रूसी दूतावास की प्रवक्ता मारिया चेरनुखिना द्वारा इस बात पर स्पस्टीकरण देते हुए कहा गया कि ऐसी कोई बात नहीं है रूस अफ्रीका में सेना के लिए कोई भी भर्ती नहीं कर रहा है. जानकारी के मुताबिक ये भीड़ रूस को अपना समर्थन देने के लिए जुटी थी. एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि वह किसी भी रूप में रूस और यूक्रेन के इस युद्ध में रूस के लिए मदद देना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने साफ़ किया कि इस तरह की कोई भी भर्ती रूस द्वारा नहीं की जा रही है.
इस भीड़ में कई युवक रूस की सेना में भर्ती के लिए अपने सरकारी दस्तावेज़ों के साथ पहुंचे थे. दूतावास के बाहर इंतज़ार कर रही इस भीड़ में से एक युवक ने मीडिया को बताया कि वह सैनिक या किसी भी रूप में काम करने के लिए अच्छा वेतन देखना चाहते हैं.
युवकों की इस भीड़ ने बातचीत के दौरान रूस का समर्थन भी जताया और रूस के प्रति अपनी पसंद को भी जाहिर किया. लेकिन जो मुख्य वजह निकल कर सामने आयी वो अच्छा वेतन था. जानकारी के अनुसार अफ्रीका के इस देश के लोगों का मनना है कि रूस में अच्छा वेतन मिलता है. आपको बता दे, यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर इथियोपिया उन देशों में शामिल था, जो संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में वोटिंग के समय सत्र में शामिल नहीं हुए. बता दें, दक्षिण अफ़्रीका समेत 17 अफ़्रीकी देशों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.
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