नई दिल्ली. इस बार पाकिस्तान में तो जबरदस्त सियासी दिवाली हो रही है, दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर तो आरोपों के तोप चल रहे हैं. वहीं, चुनाव आयोग ने इमरान की संसद सदस्यता भी खत्म कर दी है, इमरान खान के चुनाव लड़ने पर पांच साल तक के लिए रोक लगा दी गई है. […]
नई दिल्ली. इस बार पाकिस्तान में तो जबरदस्त सियासी दिवाली हो रही है, दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर तो आरोपों के तोप चल रहे हैं. वहीं, चुनाव आयोग ने इमरान की संसद सदस्यता भी खत्म कर दी है, इमरान खान के चुनाव लड़ने पर पांच साल तक के लिए रोक लगा दी गई है. इधर, विपक्ष इमरान खान को चोर-चोर बताकर आतिशबाजी कर रहा है और इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
हिंदुस्तान में इस समय जहाँ दिवाली की धूम है तो वहीं दूसरी ओर पडोसी मुल्क पाकिस्तान में हाल-बेहाल है. लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए हैं, यहाँ आंसू गैस के गोले छूट रहे हैं, कहीं आगजनी हो रही है. हाइवे ठप किया जा रहा है क्योंकि ये मुल्क एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के सिरहाने आ गया है.
तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहाँ अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को सहेज कर रखा जाता है, नियमों के मुताबिक, किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में ही रखा जाता है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान साल 2018 में पीएम बने थे, उस समय उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे तोहफे मिले थे, साथ ही उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करवा दिया था, लेकिन फिर बाद में इमरान खान ने तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बकायदा इजाज़त भी दी थी.
Rozgar Mela : पीएम मोदी ने किया रोजगार मेले का शुभारंभ, 75 हजार युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र