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UN: सयुंक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बुलाई बैठक, प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देश रहे नदारद

नई दिल्ली: सयुंक्त राष्ट्र की तरफ से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक बैठक बुलाई गई. इस जलवायु महत्वकांक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की. इस सम्मेलन के दौरान जीवाश्म ईंधन के प्रयोग पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाने और नवीकरणीय ऊर्जा के अधिक प्रयोग को बढ़ावा देने की अपील की […]

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UN: सयुंक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बुलाई बैठक, प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देश रहे नदारद
  • September 21, 2023 12:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: सयुंक्त राष्ट्र की तरफ से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक बैठक बुलाई गई. इस जलवायु महत्वकांक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की. इस सम्मेलन के दौरान जीवाश्म ईंधन के प्रयोग पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाने और नवीकरणीय ऊर्जा के अधिक प्रयोग को बढ़ावा देने की अपील की गई. हालांकि इस सम्मेलन के दौरान दुनिया के प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देश नदारद रहे. ऐसे में इस सम्मेलन की सार्थकता पर ही सवाल खड़ा हो रहा है. यह सम्मेलन ऐसे वक्त आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया में जलवायु परिवर्तन का गंभीर प्रभाव दिखने लगा है.

प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों के नेता नहीं हुए शामिल

संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों के नेता शामिल नहीं हुए. इनमें चीन और अमेरिका के नेता भी शामिल हैं. प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों में जापान, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत भी शामिल हैं. इस सम्मलेन के दौरान कार्बन उत्सर्जक देशों में सिर्फ यूरोपीय यूनियन के नेता ही मौजूद रहे. बता दें कि इस शिखर सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक्सेलेरेशन एजेंडा का अनावरण किया. जिसमें कहा गया था कि सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति उन्ही को दी जाएगी जो काम करना चाहते हैं.

जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने की जरूरत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में शामिल लगभग हर देश के प्रतिनिधि ने जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने की जरूरत पर जोर दिया. जर्मन चांसलर ओलाफ शुल्ज, यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, चिली के राष्ट्रपति ग्रैब्रियल बोरिक, के साथ अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने तात्कालिक तौर पर जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने भी इस साल के अंत तक उनके देश में गैस और तेल उत्सर्जन नियमों को सख्त करने के साथ साल 2030 तक मौजूदा मीथेन कटौती के लक्ष्य को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

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