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India Minority: यूएन में भारतीय अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों पर उठा सवाल, जानें क्या है आरोप?

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक फर्नांडो डी वेरेन्स ने अल्पसंख्यक मामलों पर अमेरिकी आयोग (USCIRAF) से कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है. फर्नांडो डी वेरेन्स ने बीते बुधवार को एक सुनवाई के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (USCIRAF) से कहा कि भारत में […]

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India Minority
  • September 22, 2023 8:10 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक फर्नांडो डी वेरेन्स ने अल्पसंख्यक मामलों पर अमेरिकी आयोग (USCIRAF) से कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है. फर्नांडो डी वेरेन्स ने बीते बुधवार को एक सुनवाई के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (USCIRAF) से कहा कि भारत में धर्मिक स्वतंत्रता के मामले में जिस तरह के हालात हैं. उसको तीन शब्दों में संक्षेप में बताया जा सकता है व्यवस्थित, व्यापक और खतरनाक. बता दें कि USCIRAF की तरफ से घोषणा की गई थी कि वह 20 सितंबर को भारत के धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पर सुनवाई करेगा.

भारत में फैल रहा धार्मिक राष्ट्रवाद

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक USCIRAF में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मसले पर बीते 20 सितंबर को सुनवाई की गई. इस सुनवाई के दौरान संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक फर्नांडो डी वेरेन्स ने भारत पर यह आरोप लगाया कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में खासतौर से धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे कि ईसाई, मुस्लिम और सिखों को निशाना बनाते हुए व्यापक पैमाने पर उनके धार्मिक स्वतंत्रता का नाश किया जा रहा है. ऐसे में उनके अधिकारों के उल्लंघन और दुरुपयोग के कारण अस्थिरता फ़ैल रही है और यह भारत में धार्मिक राष्ट्रवाद को प्रदर्शित करता है.

भारत ने रिपोर्ट को बताया पक्षपातपूर्ण

संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक फर्नांडो डी वेरेन्स ने भारत में अल्पसंख्यकों से जुड़ी बातों का खुलासा किया. जिस पर USCIRAF के अध्यक्ष अब्राहम कूपर ने दावा किया कि भारत में सिख, ईसाई, मुस्लिम, आदिवासी और दलितों पर हमले हो रहे हैं साथ ही उन्हें डराने-धमकाने की घटना भी तेजी से बढ़ रही है. भारत की तरफ से अभी इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इससे पहले भारत ने मई महीने में देश में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित गंभीर उल्लंघनों का आरोप लगाने वाली USCIRAF की रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था.

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