Pakistan Balochistan: पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान उसकी गले का फांस बन गया है। एक समय में इस्लामाबाद के हुक्मरानों की जमींदारी समझा जाने वाला यह जगह अब बलूचों के कब्जे में है। यहां पर दबदबा सिर्फ बलूचों का है। आज के समय में पाकिस्तान की सेना भी यहां पर सिमट गई है। सड़कों पर बलूच लड़ाके दिख रहे हैं। इन सबके बीच मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच की गिरफ्तारी के विरोध में गिरफ़्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरीं।
सड़कों पर महिलाएं
10 हजार से अधिक महिलाओं ने सड़क पर उतरकर पाकिस्तानी सेना का विरोध किया। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने भी इन महिलाओं को अपना समर्थन दे दिया है। BLA को अब आम जनता का समर्थन मिल गया है। इस वजह से पाकिस्तानी सेना और यहाँ कमजोर हो गई है। बलूचिस्तान में स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। पाकिस्तानी एजेंसियों ने जब महरंग को कैद में लिया था, उस समय सोचा भी नहीं रहा होगा कि वह जेल के अंदर बैठे-बैठे उनके खिलाफ इतना बड़ा बगावत शुरू करा देंगी।
कौन हैं महरंग बलूच?
32 वर्षीय महरंग बलूच पेशे से डॉक्टर हैं। 1993 में जन्मी महरंग ने 2006 में बलूचों के अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की थी। उनके पिता एक राष्ट्रवादी नेता थे, जिनका 2009 में अपहरण कर लिया गया था और 2011 में उनका शव मिला। 2017 में उनके भाई का भी अपहरण हो गया, जिसके बाद वो पूरी तरह से आंदोलन में कूद पड़ीं। उनके प्रयासों से 2018 में उनका भाई वापस आ गया। 2019 में उन्होंने BYC का गठन किया और छोटी-छोटी बैठकों के ज़रिए लोगों को जोड़ा। आज उनके साथ बुजुर्ग महिलाएं, युवा और बच्चे भी जुड़ चुके हैं। वो कहती हैं, “मुझे अब मौत का डर नहीं है। मैं अपने लोगों के लिए लड़ती रहूंगी। महंरग के कहने पर लाखों बलूचिस्तानी अपनी जान तक देने को तैयार हैं।