काठमांडू. नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल सीमा और राजमार्गो पर लंबे समय से कब्जा किए बैठे मधेसी प्रदर्शनकारियों को हटाने का फैसला किया है. प्रदर्शनकारियों ने इन जगहों की नाकेबंदी कर रखी है. नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने कहा कि यह देश के दक्षिणी मैदानी इलाकों में बढ़ती हिंसा से निपटने के लिए बनाई गई विशेष सुरक्षा योजना का हिस्सा है.
उन्होंने कहा, “सरकार ने विशेष सुरक्षा रणनीति की मदद से भारत-नेपाल सीमावर्ती इलाकों और राजमार्गो पर नाकेबंदी करने वाले प्रदर्शनकारियों को हटाने का फैसला किया है.”
ढकाल ने कहा, “हम अशांत इलाकों में हालात को काबू में लाने के लिए नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल और राष्ट्रीय जांच ब्यूरो को संयुक्त रूप से तैनात करेंगे.” अल्पसंख्यक मधेसी समुदाय ने भारतीय सीमा के इलाकों और काठमांडू तथा पूर्वी तराई इलाके को जोड़ने वाले महेंद्र राजमार्ग को बाधित कर रखा है.
मधेसी समुदाय की मांग है कि हाल ही में लागू नए संविधान में बनाए गए संघीय प्रांतों का फिर से सीमांकन किया जाए. गृहमंत्री शक्ति बसनेत की अध्यक्षता में रविवार को केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में सभी सुरक्षा एजेंसियों को तैनात करने जैसे कड़े फैसले किए गए. ये फैसले रविवार को तराई क्षेत्र में पुलिस की गोलीबारी में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद किए गए.
मधेसी समुदाय के आंदोलन और नाकेबंदी की वजह से नेपाल में जरूरी सामानों की भारी किल्लत हो गई है. नेपाल ने नाकेबंदी के लिए भारत पर आरोप लगाया है, जबकि भारत ने इस आरोप को गलत बताया है.
IANS