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डोनाल्ड ट्रंप बोले, मुस्लिमों और मस्जिदों की निगरानी कराऊंगा

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया है. ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह देश को आतंकवाद से बचाने के लिए अमेरिका में मुस्लिमों के डाटाबेस की व्यवस्था को 'निश्चित तौर पर लागू' करेंगे.

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  • November 23, 2015 2:34 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
वाशिंगटन. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया है. ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह देश को आतंकवाद से बचाने के लिए अमेरिका में मुस्लिमों के डाटाबेस की व्यवस्था को ‘निश्चित तौर पर लागू’ करेंगे.
 
अमेरिका के मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी जरूरी
ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को बताया, ‘मैं निश्चित तौर पर उसे लागू करूंगा.’ इस वरिष्ठ रिपब्लिकन नेता ने कहा, ‘डेटाबेस से इतर भी बहुत सी व्यवस्थाएं होनी चाहिए.’ इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, ‘हम बहुत सी चीजों पर बहुत करीब से निगाह रखने जा रहे हैं. हम मस्जिदों पर निगाह रखने जा रहे हैं. हमें बहुत, बहुत सावधानी से देखना होगा.’ ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अमेरिका के मुस्लिमों पर अभूतपूर्व निगरानी जरूरी होगी.
 
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की ज़रुरत
ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या पहले से अधिक निगरानी में बिना वारंट के तलाशियां भी शामिल हो सकती हैं, तो उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी चीज करने जा रहे हैं, जो हमने पहले कभी नहीं की. कुछ लोग इसे लेकर नाराज होंगे, लेकिन मेरा मानना है कि अब हर कोई यही सोच रहा है सुरक्षा सर्वोच्च होनी चाहिए.’ ट्रंप ने कहा, ‘कुछ ऐसी भी चीजें की जाएंगी जो हमने कभी सोचा भी नहीं होगा कि इस देश में होंगी. ये चीजें दुश्मन से जुड़ी सूचनाओं और जानकारी को लेकर होंगी. हम ऐसी चीजें करेंगे जो एक साल पहले तक सोची भी नहीं जा सकती थीं.’
 
सोशल मीडिया पर कोहराम
ट्रंप की टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के प्रमुख डेबी वासेरमैन शुल्ट्ज ने एक बयान में कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मुस्लिम-अमेरिकी डेटाबेस और विशेष पहचानों को लेकर दिखाई गई उन्मुक्तता शर्मनाक हैं, यह आज की रिपब्लिकन पार्टी की गैर समावेशी संस्कृति को दर्शाती है. यह एक ऐसी खतरनाक सोच है, जिससे हमारी महानतम पीढ़ी लड़ी थी और सात दशक पहले उसे हरा दिया था.’
 
शुल्ट्ज ने कहा, ‘श्रीमान ट्रंप को यह प्रस्ताव देने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए कि अमेरिका एक ऐसी जगह हो सकती है, जहां जनसमूह को इकट्ठा किया जाता है और उनकी वर्गीकरण उनके धर्म के आधार पर किया जाता है। हम अपनी राजनीतिक प्रक्रिया को डर से संचालित नहीं होने दे सकते.’ उन्होंने कहा, ‘यह भाषा सिर्फ आक्रामक ही नहीं है- यह गैर-अमेरिकी, अहितकारी और खतरनाक है.’
 
बॉबी जिंदल ने भी दिया था ऐसा बयान 
आपको बता दें कि ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए ऐसे पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार नहीं हैं, जिन्होंने मुस्लिम विरोधी बयान दिया है. भारतीय मूल के अमेरिकी नेता एवं लुइसियाना के गवर्नर बॉबी जिंदल भी इस मुद्दे पर बहुत मुखर रहे हैं जिसे वह इस्लामी आतंकवाद का नाम देते हैं. वह इस सप्ताह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की होड़ से हट गए. इसके अलावा दो अन्य उम्मीदवारों- जेब बुश और टेड क्रूज ने सीरियाई गृहयुद्ध से आने वाले शरणार्थियों के धार्मिक परीक्षण करवाने का आह्वान किया था, जबकि बेन कार्सन ने कहा कि किसी मुस्लिम-अमेरिकी को राष्ट्रपति नहीं बनने दिया जाना चाहिए.
IANS

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