नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे को लेकर ब्रिटेन के कई शीर्ष अखबारों में चर्चा है. बिहार चुनावों में मिली हार के बाद कई शीर्ष अखबार पीएम मोदी की नीतियों और उनकी यात्रा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. देश में बढ़ रही धार्मिक असहनशीलता, मानवाधिकार के मुद्दों पर पीएम मोदी नेतृत्व सरकार की कई अखबारों ने आलोचना की है.
द गार्जियन: अल्पसंख्य्कों पर, लेखकों पर हो रहे हमले
द गार्जियन अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि पीएम मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान भारत में बढ़ रहे मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों पर उनसे सवाल पूछे जाने चाहिए. यह जरूरी है कि भारत और ब्रिटेन के आर्थिक संबंधों को और बढ़ावा देना चाहिए लेकिन इसके साथ-साथ सरकार के काले सच को भी जानना चाहिए. भारत में आज अल्पसंख्य्कों पर, लेखकों पर हमले हो रहे हैं.
द इंडिपेंडेंट: मोदी सरकार पर असहिष्णुता को लेकर आरोप
ब्रिटिश अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ लिखता है कि बिहार चुनावों में मिली शर्मनाक हार का असर पीएम मोदी के ब्रिटेन दौरे में देखा जा सकता है. इस हार ने मोदी की हाई प्रोफाइल ब्रिटेन विजिट को फीका कर दिया है. अखबार ने आगे लिखा है कि उनकी सरकार पर असहिष्णुता को लेकर भी आरोप लगे हैं. एक देश जहां विभिन्न धार्मिक और भाषाओं के लोग रहते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों में देश में धार्मिक असहनशीलता बढ़ी है. हालांकि वेम्बले स्टेडियम में उनके भाषण का इंतजार है, जहां करीब 60 हजार लोग आने वाले हैं.
टेलीग्राफ ऑफ़ लंदन: बिहार चुनावों में हार से पीएम मोदी की नीतियों को लेकर सवाल उठे
बिहार चुनावों में मिली हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टैंड देश में कमजोर हुआ है. बिहार चुनाव के परिणाम उनकी लोकप्रयिता के लिए एक रेफरेंडम बन गया है. चुनावों में हार से देश में उनकी नीतियों को लेकर सवाल खड़े होते हैं. बता दें कि ब्रिटेन ने साल 2012 में मोदी का बायकॉट खत्म किया था.
फाइनेंशियल टाइम्स: ब्रिटिश विजिट पर घरेलू दिक्कतों का साया
हालांकि फाइनेंशियल टाइम्स अखबार लिखता है कि 18 महीने पहले बेहतरीन जीत के साथ सत्ता में आने वाले मोदी इंटरनेशनल लेवल पर भी करिश्माई नेता साबित हुए हैं लेकिन इस हफ्ते होने वाली ब्रिटिश विजिट पर उनकी घरेलू दिक्कतों का साया नजर आ सकता है.