रसुवा. भारत की कथित आर्थिक नाकेबंदी के कारण ईंधन संकट से जूझ रहे नेपाल ने चीन से ईंधन पाने के लिए अपने चार टैंकर तिब्बत के शहर जिलोंग भेजे हैं. नेपाल ने ये टैंकर शनिवार दोपहर जिलोंग भेजे. चीन से ईंधन पाने के लिए नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन (एनओसी) के चार ईंधन टैंकरों ने स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बजे नेपाल-चीन सीमा के रसुवागढ़ी प्वाइंट को पार किया, जिसके बाद चीनी कंपनी पेट्रो चाइना के प्रतिनिधि और एनओसी के अधिकारी ईंधन टैंकर को जिलोंग ले गए.
एनओसी के प्रवक्ता दीपक बराल ने बताया, “हमारी आज 12 खाली टैंकरों को भेजने की योजना थी, लेकिन चीन के क्षेत्र में भारी बर्फबारी की वजह से सिर्फ चार टैंकर भेजे गए हैं. बर्फबारी की वजह से राजमार्ग बाधित है, जिसके कारण शिगात्से से ईंधन को जिलोंग लाने में दिक्कतें हो रही हैं.”
एनओसी के भेजे गए चार टैंकरों में प्रत्येक टैंकर की क्षमता 12,000 लीटर की है. हालांकि, खस्ता हाल सड़कों की वजह से प्रत्येक टैंकर में सिर्फ 9,000 लीटर ईंधन ही भरे जाएंगे. यानी चार टैंकरों में केवल 36,000 लीटर ईंधन ही भरे जाएंगे.
बता दें कि नेपाल को ईंधन देने के मामले में भारतीय कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन(आईओसी) का एकाधिकार बीते बुधवार को खत्म हो गया. नेपाल ने बुधवार को चीन से हर तरह के ईंधन के आयात के लिए पेट्रो चाइना के साथ समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) पर दस्तखत किए थे. अधिकारियों ने यहां बताया था कि नेपाल आयल कारपोरेशन (एनओसी) और पेट्रो चाइना के बीच समझौते पर दस्तखत बीजिंग में किए गए. बीते एक महीने से अनधिकृत रूप से भारत द्वारा नेपाल को सामानों और ईंधन की आपूर्ति पर लगाई गई रोक के बीच यह समझौता हुआ था.
IANS