हैनोवर. स्थिर व्यापारिक माहौल के वादे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यह कहते हुए जर्मन निवेशकों को लुभाया कि भारत में जीवंत आर्थिक भागीदारी के लिए निर्बाध और बड़े अवसर हैं. उन्होंने कहा कि उनका महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान कोई नारा या ब्रांड नहीं है, बल्कि एक नया राष्ट्रीय आंदोलन है.
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ ‘हनोवर मेसे’ नाम के मशहूर व्यापार मेले का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत निवेश के लिए पूर्व अनुमान लगाने योग्य और पारदर्शी वातावरण बनाने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसा वातावरण तैयार कर रहे हैं जहां नियम लगातार नहीं बदले जाएंगे और आश्चर्य का कोई तत्व नहीं होगा.’ अपने महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की पुरजोर वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि यह ‘कोई नारा या ब्रांड नहीं है, बल्कि एक नया राष्ट्रीय आंदोलन है.’
जर्मनी को ‘बहुमूल्य भागीदार’ बताते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश करीबी और गर्मजोशीभरा संबंध साझा करते हैं जो गहराई और विविधता में विकसित हुआ है. उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देशों में व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में भारत के साथ भागीदारी करने के लिए नए स्तर की दिलचस्पी है. इस बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत पूरी दुनिया को गले लगाने को तैयार है.’
मोदी के संबोधन से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया, जिसमें एक एनिमेटेड शेर के जरिए ‘मेक इन इंडिया’ के लोगो को दर्शाया गया. इसको देखकर वहां मौजूद लोगों ने जोरदार ताली बजाई. मोदी ने कहा कि शेर ‘नए भारत का प्रतीक हैं’, जो मित्रता और भागीदारी के वादे के संदेश को वहन कर रहा है.
प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए मर्केल ने कहा कि जर्मनी भारत के साथ भागीदारी को नया आयाम देने को तैयार है. भारत में जर्मनी जैसा सहयोगात्मक संघवाद होने पर गौर करते हुए मर्केल ने कहा कि सभी मोर्चों पर व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ईमानदार प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने साथ ही नवोन्मेष को गति देने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
मोदी के साथ गए प्रमुख वार्ताकारों में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं. भारतीय मूल के कारोबारी और डाउचे बैंक के सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु जैन भी गोलमेज सम्मेलन में थे. मेले की आयोजक डाउचे मेसे के बोर्ड सदस्य जोकेन कोकलर ने कहा, “भारत एक उभरता आर्थिक दिग्गज है, जो हनोवर मेसे में जर्मन और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शकों के लिए व्यापक बिक्री अवसर प्रस्तुत करता है.” उन्होंने साथ ही कहा कि भारत की विकास गाथा से वैश्विक कंपनियां भी लाभान्वित होंगी.
उन्होंने कहा कि 2006 में मेले में साझेदार देश के रूप में भारत की सहभागिता ने 350 भारतीय कंपनियों और 5,700 भारतीय दर्शकों को आकर्षित किया था. पिछले वर्ष भारत से 122 प्रदर्शक और 2,400 दर्शक मेले में पहुंचे थे. उन्होंने कहा, “भारत को साझेदार देश बनाने से ये आंकड़े और बढ़ेंगे.” उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच 16.1 अरब डॉलर का आपसी व्यापार है. मेले में वितरित किए गए पर्चे में कहा गया है, “मोदी भारतीय कारखानों और अवसंरचना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं और वे स्थानीय उत्पादन में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा दे रहे हैं.”
IANS
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