नई दिल्ली : इंसान की उपस्थिति जब से पृथ्वी पर है तभी से उपस्थिति है उसके विश्वास की. हजारों सालों से इंसानों की कई सभ्यताओं में किसी न किसी आलोकिक शक्ति को पूजने का चलन रहा है. अब एक और पुरानी सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं साऊदी अरब के रेगिस्तान में. जहां सर्वे के दौरान […]
नई दिल्ली : इंसान की उपस्थिति जब से पृथ्वी पर है तभी से उपस्थिति है उसके विश्वास की. हजारों सालों से इंसानों की कई सभ्यताओं में किसी न किसी आलोकिक शक्ति को पूजने का चलन रहा है. अब एक और पुरानी सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं साऊदी अरब के रेगिस्तान में. जहां सर्वे के दौरान पुरातत्त्व विभाग को मंदिर और वेदी मिले हैं. जानकारी के अनुसार ये मंदिर और पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष आज से लगभग 8 हजार साल पुरानी सभ्यता के हैं.
साऊदी अरब के किंडा राज्य की राजधानी रही अल-फाओ में यह खोज हुई है. यह खोज अल-फाओ (Al-Faw), Al-Rub’ Al-Khali (द एंपटी क्वाटर) नाम के एक रेगिस्तान के किनारे पर बसी इस बस्ती की है जो Wadi Al-Dawasir से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में है. वेबसाइट saudigazette.com.sa की मानें तो अल-फाओ में सऊदी अरब हेरिटेज कमीशन की तरफ से एक मल्टी नेशनल टीम शोध करने गई थी. इस टीम के लोगों ने आसमान से लेकर जमीन के अंदर तक डीप सर्वे किया जिसमें कई तरह की चीजें निकलकर सामने आईं.
इन चीजों में सबसे खास एक स्टोन टेंपल और वेदी के कुछ हिस्से रहे. अनुमान लगाया जा रहा है कि अल-फाओ के लोग यहां अनुष्ठान किया करते थे. अल-फाओ के पूर्वी हिस्से में मिला पत्थरीला मंदिर, माउंट तुवैक के एक किनारे पर है, जिसे खशेम कारियाह बुलाया जाता है. इतना ही नहीं करीब 8 हजार साल पुराने नवपाषाणकाल की मानव बस्तियों के अवशेष भी यहां मिले हैं. इसके साथ ही करीब 2,807 कब्र भी इस जगह पर मिले. कई धार्मिक शिलालेखों के साक्ष्य भी यहां मिले हैं. जो यहां पर रहने वाले लोगों की धार्मिक समझ के बारे में जानकारी देता है. इसके साथ इस सर्वे में अल-फाओ की भौगोलिक संरचना के बारे में भी कई अहम बातें सामने आई हैं.
संरचनाओं से पता चलता है कि अल-फाओ के लोगों ने नहरें, पानी के कुंड के अलावा यहां पर सैकड़ों गड्ढे खोद रखे थे, इससे वह लोग बारिश के पानी को खेतों तक पहुंचाने का काम किया करते थे. यह खोज ये बात भी बताती है कि दुनिया के सबसे कठिन रेगिस्तान में लोग पानी कैसे बचाया करते थे. माउंट तुवैक के पत्थरों पर किए गए आर्टवर्क और शिलालेख देखें तो इसमें Madhekar Bin Muneim नाम के एक शख्स की कहानी है. पत्थरों की कलाकृतियों के जरिए हंटिंग, ट्रैवल और बैटल के बारे में भी बताया गया है.
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