स्मोकिंग से चीन में होती हैं हर साल एक लाख मौतें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनूसार चीन में हर साल स्मोकिंग के कारण एक लाख लोगों की मौत होती है. विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण, नीति मूल्यांकन परियोजना, चीनी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र और डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, चीन में तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल एक लाख लोगों की मौत हो जाती है और यदि इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो 2050 तक यह संख्या तीन लाख तक पहुंच सकती है.

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स्मोकिंग से चीन में होती हैं हर साल एक लाख मौतें

Admin

  • October 20, 2015 7:41 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

बीजिंग. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनूसार चीन में हर साल स्मोकिंग के कारण एक लाख लोगों की मौत होती है. विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण, नीति मूल्यांकन परियोजना, चीनी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र और डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, चीन में तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल एक लाख लोगों की मौत हो जाती है और यदि इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो 2050 तक यह संख्या तीन लाख तक पहुंच सकती है.

 
चीन में परोक्ष धूम्रपान की की आदत के कारण बीमार होने वाले लोगों की संख्या भी काफी अधिक है. चीन में सप्ताह में किसी एक दिन ही कम से कम 74 करोड़ लोग धूम्रपान की जद में आते हैं, जिसमें 18.2 करोड़ बच्चे शामिल हैं. आईटीसी के रिसर्चर ज्योफ्री टी. फोंग के अनुसार दुर्भाग्य से चीन परोक्ष धूम्रपान के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है. हम जिन देशों में काम कर रहे हैं उनमें चीन में कार्यस्थल ,घर और रेस्तरां और बार पर सबसे ज्यादा धूम्रपान किया जाता है. 
 
इस रिपोर्ट में राजधानी बीजिंग द्वारा अपनाए गए धूम्रपान मुक्त कानून के लिए उसकी सराहना भी की गई है. बीजिंग में लागू इस कानून के तहत इनडोर धूम्रपान पर पूरी तरह प्रतिबंध है. साथ ही चीन में धूम्रपान मुक्त कानून को चीनी लोगों का भरपूर समर्थन है. यहां तक कि धूम्रपान करने वाले चीनी नागरिक भी इस तरह का कानून चाहते हैं. बता दें कि चीन दुनिया में तंबाकू उत्पादन एवं सेवन में सबसे आगे है. चीन में धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या 35 करोड़ है हालांकि बहुत कम नगरों में धूम्रपान नियंत्रण से संबंधित कानून लागू किए गए हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का कोई कानून नहीं है.
 
IANS

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