नई दिल्ली। विश्व के गैर स्थानिक 27 देशों में मंकीपाक्स के 780 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। गैर स्थानिक वो देश हैं जहां यह बीमारी बाहर से आई है। संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक स्वास्थ्य संस्था ने कहा है कि 29 मई के बाद से गैर स्थानिक देशों में मंकीपाक्स के मामलों में 203 प्रतिशत […]
नई दिल्ली। विश्व के गैर स्थानिक 27 देशों में मंकीपाक्स के 780 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। गैर स्थानिक वो देश हैं जहां यह बीमारी बाहर से आई है। संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक स्वास्थ्य संस्था ने कहा है कि 29 मई के बाद से गैर स्थानिक देशों में मंकीपाक्स के मामलों में 203 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 13 मई से दो जून के बीच इन देशों में मंकीपाक्स के कुल मामले 257 से बढ़कर 780 हो गए हैं। इस तरह में इनमें 523 की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इन देशों में मंकीपाक्स की वजह से अभी कोई मौत होने की खबर नहीं है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) सहित दुनियाभर के बड़े स्वास्थ्य संगठनों ने चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ इस बीमारी को गंभीरता से ले रहा है और मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। संगठन ने कहा है कि यह वायरस शुरुआती चरण में और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने बहुत जरूरी हैं।
डब्ल्यूएचओ की अधिकारी मारिया वैन कारखेव ने कहा है कि मंकीपॉक्स क्या है और क्या नहीं, इसके बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी। इस वायरस को लेकर हमें निगरानी बढ़ानी होगी। चलिए जानते हैं कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए संगठन ने क्या उपाय बताए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जिन देशों में मंकीपॉक्स बढ़ रहा है, उन देशों के अलावा खतरे वाले सभी देशों में स्वास्थ्य क्लीनिकों को लैस करने की आवश्यकता है, ताकि यह पहचानने में सक्षम हो सके कि मंकीपॉक्स क्या है और यह सुनिश्चित किया जा सके कि किन लोगों को मंकीपॉक्स होने का संदेह है, ताकि उन्हें उचित देखभाल मिल सके।
हालांकि राहत की बात है कि भारत में अभी मंकीपाक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। भारत सरकार पहले ही अलर्ट हो चुकी है। साथ ही राज्यों के लिए गाइडलाइंस भी सरकार ने जारी कर दिया है।
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