नई दिल्ली। सोमवार की सुबह मध्य पूर्व के चार देश तुर्किये, सीरिया, लेबनान और इजराइल भूकंप से हिल गए। इसमें सबसे ज्यादा तबाही तुर्की और उसके नजदीकी देश सीरिया में देखने को मिली। अकेले तुर्की में 12 घंटे के भीतर सात की तीव्रता से ज्यादा के दो बड़े भूकंप देखने को मिले थे। भूकंप के बाद इमारतें जमींदोज हो गई, मलबे में दबे लोग जान बचाने के लिए चीखते रहें।
अमेरिका की भूभर्ग सर्वेक्षण संस्था के मुताबिक 7.78 तीव्रता वाले पहले भूकंप का केंद्र तुर्की के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किमी दूर और जमीन से करीब 24 किमी नीचे था। स्थानीय समय के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट में आया। इसके बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट के बाद आया, जिसका केंद्र जमीन से 9.9 किमी नीचे था। इसके बाद शाम 1.24 पर 7.5 तीव्रता का तीसरा भूकंप आया।
वही अगर सीरिया की बात की जाए तो स्थानीय समयानुसार सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक इस देश में 50 से ज्यादा भूकंप आए है। इनमें चार भूकंपों की तीव्रता 6 से भी ज्यादा थी। जबकि 10 भूकंप की तीव्रता 5 से 6 के बीच दर्ज की गई है।
पूरी दुनिया में आए 78 भूकंप
पूरी दुनिया में सोमवार को शाम सात बजे तक 78 भूकंप दर्ज किए गए है, जिनमें से अकेले 46 भूकंप सीरिया में देखने को मिले है। बता दें, तुर्की और सीरिया में आए बड़े भूकंपों के कारण जहां 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं घायलों की संख्या की कोई गिनती ही नहीं है।
वहीं भूकंप के बाद सीरिया के दमिशक, अलेप्पोस हमा समेत कई शहरों में इमारतें गिरने के अलावा प्रशासन की तरफ मेट्रों से लेकर ट्रेनों को बंद कर दिया गया है।
घटना के बाद तुर्की के राष्ट्रपति तैयब रजब एर्दाेआन ने बयान जारी करते हुए कहा कि, 1939 के बाद इस समय हम लोग सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा से गुजर रहे है। लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि तुर्की के 8.50 करोड़ लोग मिलकर इस संकट से निपटेंगे। बता दें, इसके अलावा तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी एएफएडी ने लेवल-4 का अलर्ट जारी करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत सामग्री और राहतकर्मी भेजने की अपील की थी।
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