नई दिल्ली. बेलारूस की 67-वर्षीय लेखिका स्वेतलाना एलेक्सीविच (Svetlana Alexievich) को वर्ष 2015 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. स्वेतलाना एक खोजी पत्रकार और पक्षी विज्ञानी के रूप में भी जानी जाती हैं. नोबेल पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश पिछले वर्ष यूराल फेडरल यूनिवर्सिटी ने की थी.
31 मई, 1948 को यूक्रेन में जन्मी स्वेतलाना की कृतियों में ‘वॉयसेज़ फ्रॉम चेर्नोबिल’ (Voices from Chernobyl), ‘ज़िन्की बॉयज़’ (Zinky boys), ‘वार्’स अनवूमैनली फेस’ (War’s Unwomanly Face) शामिल हैं. स्वेतलाना ने चश्मदीदों के हवाले से चेरनोबिल आपदा (यूक्रेन का परमाणु हादसा) और द्वितीय विश्वयुद्ध का भावनात्मक पक्ष पेश करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. चश्मदीदों के शब्दों के जरिये इन घटनाओं के बारे में लिखने वाली स्वेतलाना की कृतियों का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ और वह कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हुईं.