काठमांडू. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने लमाही दांग में पत्रकारों से बातचीत में भारत पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक नाकेबंदी अंर्तराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है.
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि उन्होंने यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूपीसीएन-माओवादी) से इस्तीफा दे दिया है. द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भट्टराई ने काठमांडू के न्यू बनेश्वर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
देश के नए संविधान पर उनके विचार पार्टी के विचारों से अलग रहे हैं. उन्होंने खुलेआम मधेश पार्टियों और उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया, जबकि पार्टी अध्यक्ष ने मधेशी पार्टियों से वार्ता में शामिल होने और सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया था.
यह कहा जा रहा था कि बाबूराम ने भारत के दबाव के चलते पार्टी से इस्तीफ़ा दिया है लेकिन उन्होंने इस बात से साफ़-साफ़ इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरे इस्तीफे का भारत से कोई संबंध नहीं है.
बाबूराम भट्टराई अगस्त 2011 से मार्च 2013 तक प्रधानमंत्री थे.