भारत सरकार के रुख से नाराज हुए अधिकांश नेपाली

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्ष पहले ही नेपाल के साथ 10 समझौते करके और दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू करके नेपाल के लोगों के दिलों में जगह बनाई थी, लेकिन अब कहानी कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है.

Advertisement
भारत सरकार के रुख से नाराज हुए अधिकांश नेपाली

Admin

  • October 7, 2015 1:31 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
काठमांडू. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्ष पहले ही नेपाल के साथ 10 समझौते करके और दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू करके नेपाल के लोगों के दिलों में जगह बनाई थी, लेकिन अब कहानी कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है.  
 
भारत-नेपाल सीमा के ट्रेडिंग पॉइंट पर पर फंसे जरूरी सामानों के ट्रकों के कारण जरूरी चीजों की भारी किल्लत झेल रहे नेपाल के स्थानीय नागरिक भारत सरकार से अब नाराज हैं. 
 
काठमांडू के एक दुकानदार दीपक शाह का कहना है कि हमारे लंबे समय के मित्र भारत द्वारा यह एक खुद से लगाई गई आर्थिक नाकेबंदी है. नई दिल्ली नेपाल सरकार के साथ बदला ले रही है, क्योंकि यहां एक ऐसे संविधान को मंजूरी दी गई है, जिसे भारत पसंद नहीं करता है. मोदी सरकार नए संविधान को हमारी सीमा पर बसे एक भारतीय जातीय समुदाय ‘मधेशियों’ के प्रति भेदभापूर्ण मानती है.
 
इसके अलावा कई नेपालियों का कहना है कि काठमांडू में रसोई गैस की भारी किल्लत के चलते वे दिन में एक-दो बार का भोजन भी नहीं कर पा रहे हैं. एक वाहन चालक प्रदीप सपकोटा ने चीन को अपना नया मित्र बताते हुए कहा कि अब हम चीन से अपना ईंधन और राशन मंगाएंगे.
 
अप्रैल में नेपाल में आए भूकंप में भी भारत से ज्यादा चीन ही हमारा भरोसेमंद मित्र साबित हुआ था. एक कॉलेज छात्र विकास श्रेष्ठा ने कहा कि नेपाल और जापान में मोदी के भाषण में उनके कूटनीतिक रंग दिखे थे. अगस्त 2014 में काठमांडू में मोदी ने कहा था कि भगवान बुद्ध नेपाल में जन्मे थे, लेकिन एक महीने बाद जापान यात्रा के दौरान मोदी ने कहा कि भारत बुद्ध की भूमि है. 
 
पहले भी नेपाल सरकार ने की यूएन में शिकायत 
नेपाली अधिकरियों ने कहा कि भारत के साथ व्यापार का 70 फीसदी हिस्सा ईंधन और रसोई गैस जैसी जरूरी चीजों का है. इससे पहले भी नेपाल सरकार ने भारत की कथित आर्थिक नाकेबंदी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत की थी. कुछ दिनों पहले नेपाल ने आरोप लगाया था कि भारत उसकी अघोषित आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है.
 
क्या है मामला?
नेपाल में संविधान बनने के बाद मधेशी और अन्य समुदायों के विरोध के चलते नेपाल-भारत सीमा पर तेल ले जाने वाले टैंकर्स की लंबी लाइन लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक नेपाल के पास सिर्फ चार दिनों के लिए पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी रिज़र्व रह गए हैं. नेपाल के उपप्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह की अगुआई में नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से इस मसले पर कल बात की. उन्होंने कहा कि भारतीय सीमा पर व्यापारिक मार्ग में बाधा से नेपाल में जरूरी वस्तुओं की किल्लत हो गई है.
 
IANS

Tags

Advertisement