नई दिल्ली। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल में मचाई गई तबाही के बाद से शुरू हुआ जंग अब तक नहीं थमा है। इजरायल न सिर्फ फिलिस्तीन बल्कि हिजबुल्लाह और ईरान पर भी बम बरसा रहा है। इजरायल को इस जंग में अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। हाल ही में हिजबुल्लाह चीफ के मारे […]
नई दिल्ली। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल में मचाई गई तबाही के बाद से शुरू हुआ जंग अब तक नहीं थमा है। इजरायल न सिर्फ फिलिस्तीन बल्कि हिजबुल्लाह और ईरान पर भी बम बरसा रहा है। इजरायल को इस जंग में अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। हाल ही में हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद से ईरान ने इसे मुसलामानों के विरुद्ध जंग छेड़ दिया है। तमाम मुस्लिम देशों को एकजुट होने की बात कही जा रही है। आज 7 ऐसे मुल्कों की बात करेंगे जो ईरान के कहने पर अगर साथ में आते हैं तो फिर तबाही मचेगी। इजरायल और अमेरिका इनके सामने घुटने तक देंगे।
ग्लोबल फायर इंडेक्स के मुताबिक मुस्लिम देशों में अल्जीरिया सातवें नंबर पर आता है। यह अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है और इसके पास कुल 3,25,000 सैनिक हैं। मुस्लिम देश सऊदी अरब अपनी रक्षा बजट पर 71 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करता है। इसके पास 4 लाख सैनिक है हालांकि अपना रिजर्व फोर्स नहीं है। 914 एयरक्राफ्ट और 238 लड़ाकू विमान है। मिस्र में 12 लाख से अधिक सैनिक हैं। मिस्र के पास 1 हजार से ज्यादा एयरक्राफ्ट है।
इजरायल से टक्कर ले रहा ईरान का रक्षा बजट 10 अरब अमेरिकी डॉलर है। ईरान के पास 11,80,000 सैनिक हैं। इसमें से 6,10,000 सक्रिय और 3,50,000 रिजर्व हैं। 551 एयरक्राफ्ट और186 लड़ाकू विमान हैं। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनिशया के पास 10 लाख से ज्यादा सैनिक हैं। करीब ढाई लाख पैरामिलिट्री फोर्स है। पाकिस्तान मुस्लिम देशों में दूसरा सबसे ताकतवर देश है। यह परमाणु संपन्न है और इसके पास 17 लाख से अधिक सैनिक है। तुर्की मिलिट्री पावर में दुनिया में 8वें नंबर पर आता है। तुर्की अपने रक्षा बजट पर 40 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करता है। इसके पास 205 फाइटर जेट भी है।
नेतन्याहू और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच जुबानी जंग, इजराइल को हथियार देना बंद करना होगा