जिनेवा. संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थियों के उच्चायुक्त एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि तीन वर्षीय सीरियाई बच्चे की तस्वीर ने विश्व के लोगों को झकझोर कर दिया है. गौरतलब है कि दो नौकाओं में सवार 5 वर्षीय भाई और मां समेत 12 लोगों के साथ कोस द्वीप पहुंचने की कोशिश कर रहे कुर्दी की समुद्र में डूब जाने से मौत हो गई.
यूरोप में शराणार्थियों के अवैध घुसपैठ जारी हैं. इस वर्ष अब तक 3,00,000 लोगों ने भूमध्य सागर को पार करने की कोशिश में अपनी जान जोखिम में डाल दी. गुटेरेस ने अपने बयान में कहा, “इस खतरनाक रास्ते को पार करते हुए 2,600 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें अयलान भी शामिल है, जिसकी तस्वीर ने दुनियाभर के लोगों के दिलों को झकझोर दिया.” शरणार्थियों और प्रवास की समस्या के संबंध में फैसले लेने के लिए यूरोपीय संघ महत्वपूर्ण आपातकालीन बैठकें करने का प्रयास कर रहा है.
इसके लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत है. गुटेरेस ने कहा, “यूरोप इस समस्या को बंटे हुए नजरिए से नहीं सुलझा सकता. कोई देश इसे अकेला नहीं सुलझा सकता और कोई देश इसमें अपनी भागीदारी को नकार नहीं सकता.” गुटेरेस ने नवआगंतुकों के प्रति नागरिकों और निजी सामाजिक संस्थाओं के स्वार्थरहित रवैए की भी सराहना की. गुटेरेस ने कहा, “यह मुख्य रूप से केवल प्रवासी घटना नहीं है, शरणार्थी संकट है. इस संकट को दूर करने का एकमात्र उपाय यही है कि संघ और सभी सदस्य देश एक आम उपाय अपनाएं जो कि जिम्मेदारी, समन्वय और भरोसे पर आधारित हो.”
गुटेरेस ने यूरोप में वैध प्रवेश के अवसर देने की जरूरत पर भी जोर दिया. गुटेरेस ने कहा, “यूरोपीय देश और अन्य क्षेत्रों की सरकारों को वृहद पुनर्वास और मानवीय प्रवेशाधिकार कोटा की इजाजत, वीजा समय में बढ़ोतरी और यूरोप में वैध प्रवेश के अन्य तरीकों के लिए मूलभूत बदलाव लाने चाहिए.”-IANS