नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच इस महीने के अंत में होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत पर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं. पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद ने अब तक ये फैसला नहीं किया है कि वो दो हफ्ते पहले भारत का भेजा हुआ न्योता स्वीकार करे या नहीं.
पाकिस्तान के सूत्रों के अनुसार, इस्लामाबाद चाहता है कि इस मसले पर वे एक सार्थक बातचीत चाहते हैं क्योंकि उनके देश में लोगों की राय इस मसले पर अलग-अलग है. पाकिस्तान का ये रिएक्शन इस बात का ताज़ा सबूत है कि पिछले महीने रुस के उफा में पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के बीच तय हुई इस वार्ता की राह में बाधा पैदा हो रही है.
ऐसी ख़बरें हैं कि नवाज़ शरीफ की सरकार पर सेना का काफी दबाव है कि वो इस बातचीत से पीछे हटे. भारतीय अधिकारियों के अनुसार अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है. भारत ने बातचीत के लिए अगली तारीख़ 23-24 अगस्त दिए हैं, जिसमें बातचीत का मुख़्य मुद्दा आतंक रहेगा. लेकिन उफा में दोनों प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद गुरदासपुर और ऊधमपुर में हुए आतंकी हमले ने इस बैठक पर सवालिया निशान लगा दिया है. गुरदासपुर हमले में चार पुलिस वालों और तीन नागरिकों की मौत हो गई थी जबकि ऊधमपुर हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकी नवेद को गांव वालों ने ज़िंदा पकड़ लिया और उसके साथी नोमान को मार गिराया गया था. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ़ लगातार सीज़ फायर का उल्लंघन किए जाने से भी दोनों देशों के बीच फिर से तनाव पैदा हो गया है.
एजेंसी