इस्लामाबादः पनामा पेपर लीक की आग में सुप्रीम कोर्ट से अयोग्य करार होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नवाज़ शरीफ़ की राजनीतिक वापसी का पहला अध्याय पूरा हो गया है. आय का स्रोत नहीं बताने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज़ पार्टी प्रमुख का पद भी नहीं संभाल सकते थे. पाकिस्तानी संसद ने सोमवार को चुनाव विधेयक, 2017 को पास कर दिया था जिसके बाद नवाज़ शरीफ़ के लिए पार्टी प्रमुख बनने का रास्ता साफ हो गया. पार्टी ने भी बिना देरी के मंगलवार को सर्वसम्मति से नवाज़ शरीफ़ को अगले 4 साल के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) का अध्यक्ष चुन लिया.
पार्टी की पांच सदस्यीय चुनाव समिति के प्रमुख जफर इकबाल ने नवाज़ शरीफ़ के अध्यक्ष बनने का ऐलान किया. इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि बार-बार उनको राजनीति से बाहर करने की कोशिश हो रही है और आप मुझे बार-बार राजनीति में वापस ला रहे हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को खुद को मजबूती से वापस लाने के लिए बधाई दी.
चुनावी बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की के प्रतीक हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज़ शरीफ़ ने अपने भरोसेमंद शाहिद अब्बासी को प्रधानमंत्री बनाया था. कहा जा रहा है कि नवाज के भाई शाहबाज़ शरीफ जब संसद सदस्य बन जाएंगे तो शाहिद अब्बासी की जगह पर उनको पीएम बनाया जाएगा.
नवाज़ शरीफ को पार्टी की कमान सौंपने से पहले देश का कानून बदलने के लिए पाकिस्तानी संसद ने चुनाव विधेयक, 2017 को पास किया. विपक्षी सांसदों ने विधेयक की कॉपियां फाड़ डालीं लेकिन संसद में नवाज़ की पार्टी के पास मजबूत बहुमत है इसलिए इस कानून का पास होना महज औपचारिकता थी और ये भी साफ था कि ऐसा नवाज़ शरीफ़ को राजनीति की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए किया जा रहा है.
नवाज़ पर भ्रष्टाचार निरोधक कोर्ट में केस चल रहा है और बेटी मरियम शरीफ समेत अन्य रिश्तेदारों पर अगले सप्ताह आरोप तय हो सकता है. नवाज़ इस बात से इनकार करते हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया है और उनकी पार्टी के नेता इस सबके पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ मानते हैं.