आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आतंकवादी संगठन IS (इस्लामिक स्टेट) ने अपने एजेंडे में इस बात को भी शामिल कर रखा है कि 2020 तक भारत और पाकिस्तान एक हो जाए. बीबीसी के एक जर्नलिस्ट एंड्रयू हॉस्केन ने अपनी नई बुक 'एम्पायर ऑफ फीयर- इनसाइड द इस्लामिक स्टेट' में IS के इस प्लान से संबंधित नक्शा पेश किया है.
नई दिल्ली. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आतंकवादी संगठन IS (इस्लामिक स्टेट) ने अपने एजेंडे में इस बात को भी शामिल कर रखा है कि 2020 तक भारत और पाकिस्तान एक हो जाए. बीबीसी के एक जर्नलिस्ट एंड्रयू हॉस्केन ने अपनी नई बुक ‘एम्पायर ऑफ फीयर- इनसाइड द इस्लामिक स्टेट’ में IS के इस प्लान से संबंधित नक्शा पेश किया है.
क्या है IS का प्लान खुरासान
आईएस के इस प्लान के मुताबिक, मौजूदा समय में इराक और सीरिया में सक्रिय यह आतंकी संगठन 2020 तक यूरोप, चीन, भारत और नॉर्थ अफ्रीका तक फैलना चाहता है. अपने खतरनाक इरादों को जताने के लिए आईएस ने अपने दावे के समर्थन में एक नया मैप भी जारी किया है. इस मैप को मैप में आईएस ने आने वाले पांच सालों में दुनियाभर के कई इलाकों पर कब्जा करने की योजना बनाई है. 2020 के आईएस के प्लान के मुताबिक, इस नक्शे में मुताबिक स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस के हिस्से को अरबी में ‘अंदालुस’ नाम दिया गया है, जिस पर ‘मूरों’ ने आठवीं से 15वीं सदी के बीच कब्जा किया था, जबकि भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से को ‘खुरासान’ नाम दिया गया है.
नए इलाकों में हुकूमत फैलाना चाहता है IS
आईएस ने शरिया कानून के तहत चलने वाले खलीफा राज में स्पेन से लेकर पूर्व में चीन के वेस्टर्न बॉर्डर तक के इलाके को शामिल किया है. गौरतलब है कि एक आंकड़े के मुताबिक, आईएस के पास करीब 50 हजार लड़ाके हैं. इस आतंकी संगठन के पास करीब 2 अरब डॉलर की नकदी है. ‘एम्पायर ऑफ फीयर- इनसाइड द इस्लामिक स्टेट’ में हॉस्केन ने लिखा है कि आईएस पूरी दुनिया को इस्लामिक वर्ल्ड के रूप में देखना चाहता है. अपना खलीफा बनाने के बाद वह पूरी दुनिया में खलीफा राज कायम करने का इरादा रखता है. हॉस्केन ने लिखा है कि आईएस अमेरिका और रूस सहित दुनिया के करीब 60 देशों को अपने खिलाफ मानता है.
IS के फाउंडर जरकावी ने बनाया था प्लान
होस्केन ने अपनी किताब में बताया कि है आईएस की स्थापना करने वाले अबु मुसाब अल-जरकावी ने 1996 में सात चरणों वाले एक प्रोग्राम के बारे में बताया था, जिससे मुस्लिम 2020 तक दुनिया को जीत लेंगे. साल 2010-2011 में उनके करीब 80 फीसदी नेता या तो पकड़ लिए गए थे, या मार दिए गए थे. इस दौरान आईएस के कुछ ही जिहादी बचे थे, जिन्हें खत्म नहीं किया गया जा सका था. होस्केन कहते हैं अब ये कैंसर की तरह फिर से वापस आ गए हैं.
एजेंसी इनपुट भी