टोक्यो. जापान में समय से एक साल पहले मध्यावधि चुनाव होने जा रहे हैं. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सोमवार को देश में मध्यावधि चुनाव कराने का ऐलान कर दिया. आबे ने सोमवार को कहा कि मैं 28 सितंबर को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दूंगा. वहीं मीडिया रिपोर्टे्स के अनुसार जापान में 22 अक्टूबर को चुनाव कराए जा सकते हैं.
आबे ने यह घोषणा सरकार का कार्यकाल पूरा होने के एक वर्ष पहले ही ऐसे समय में की है, जब ओपिनियन पोल में आबे की स्थिति काफी मजबूत बताई गई है. उनके पक्ष में यह स्थिति उत्तर कोरिया मुद्दे पर अबतक की उनकी प्रतिक्रिया से बनी है. सर्वे से संकेत मिले हैं कि मतदाताओं को उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रवादी आबे का रुख पसंद आया है. उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में जापान के ऊपर से दो मिसाइलें दागी थीं और जापान को डुबाने की धमकी दी थी.
जापान में 48वें आम चुनाव ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब आबे और उनकी पत्नी से संबंधित भ्रष्टाचार के दो मामलों को लेकर उनकी सरकार विवादों में थी, और उनके रक्षामंत्री तोमोमी इनाडा ने एक कथित लीपा-पोती को लेकर इस्तीफा दे दिया है. कारोबारी दैनिक निक्केई की तरफ से सप्ताह के अंत में कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक 44 फीसदी मतदाताओं ने आबे की रूढ़िवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मत करने का मन बनाया है. जबकि सिर्फ आठ फीसदी लोगों ने मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन किया है.
वहीं प्रधानमंत्री ने विरोधियों के उन बयानों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उत्तर कोरिया से तनाव के बीच चुनाव करवाना राजनीतिक रिक्तता पैदा कर देगा. पार्टी अधिकारियों का कहना है कि संभवत: 22 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे.