वॉशिंगटन : म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को अनुचित बताते हुए संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत रोकने को कहा है. यूनाइटेड नेशंस के महासचिव गुटरेस ने यूएन हेडक्वाटर में कहा कि मैं म्यानमार प्रशासन से सैन्य कार्रवाई और हिंसा रोकने के अलावा कानून के शासन का पालन करने और देश छोड़कर जा चुके लोगों के वापसी के अधिकार को मान्यता देने की अपील करता हूं.
यूनाइटेड नेशंस महासभा की सालाना बैठक से पहले गुटरेस ने यूनाइटेड नेशंस की एजेंसियों, एनजीओज़ और बाकियों से भी शरणार्थियों के लिए मानवीय सहायता की सप्लाई सुनिश्चित करने की अपील की. गुटरेस ने म्यांमार सरकार से कहा है कि वह स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाये और यहां फिर से कानून एवं व्यवस्था बहाल करें.
इस हिंसा से सीमा के दोनों तरफ मानवीय संकट पैदा हो गया है और ऐसे में अब सू की पर सैन्य अभियान की निंदा करने का वैश्विक दबाव पड़ने लगा है. यांगून से प्राप्त समाचार के अनुसार अब इन दबाओं के बीच म्यांमार की नेता आंग सान सू की अगले हफ्ते रखाइन प्रांत के संकट पर राष्ट्र को संबोधित करेंगी.
बता दें कि 25 अगस्त को रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा एक सैन्य चौकी पर हमला किए जाने के जवाब में म्यांमार के सुरक्षा बलों की ओर से कड़ी जवाबी कार्वाई होने के बाद माना जा रहा है कि 3,80,000 रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश पहुंच गए हैं.