मेलबर्न : अलग-अलग धर्म के महिला और पुरुष एक ही टेबल पर बैठ कर अगर गोश्त खा रहे हों तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी. बिल्कुल भी अजीब नहीं लगेगा, लेकिन अब जरा सोचिए कि ये महिला और पुरुष अलग-अलग धर्म के देवी-देवता हैं और साथ में बैठ कर मीट खा रहे हैं तो कैसा लगेगा.
जीजस से लेकर भगवान गणेश तक अगर हर कोई एक ही टेबल में बैठ कर साथ में मीट खा रहा हो तो ये सोचना जरा अजीब लगेगा. ऐसा ही कुछ दिखाने की कोशिश ऑस्ट्रेलिया में एक विज्ञापन के माध्यम से की गई है.
मीट एंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया ने गोश्त के प्रचार के लिए एक अलग ही तरह का विज्ञापन बनाया, जिसमें ये दिखाया गया कि सभी धर्मों के देवी देवता एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे हैं और आखिरी में सभी गोश्त खाने के लिए तैयार हो जाते हैं. सभी देवी देवता गोश्त खाने के लिए टोस्ट भी करते हैं.
आखिरी में टोस्ट करते वक्त कहा जाता है, ‘गोश्त के लिए… ऐसा मीट जिसे हम सब खा सकते हैं.’ एमएलए ने इस विज्ञापन के माध्यम से गोश्त को ‘भगवान का खाना’ बताकर एकता दिखाने की कोशिश की, लेकिन इस विज्ञापन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
हिंदू कर रहे हैं कड़ा विरोध
इस एड में जितने में धर्म के भगवानों को दिखाया गया है उनमें से एक भगवान गणेश को ‘हाथी’ कहता हुआ भी नजर आया. इसके अलावा वहां मौजूद देवी देवताओं में से किसी एक ने तो यह तक कहा कि इस वक्त धर्म की बातें नहीं की जानी चाहिए.
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदुओं ने इसका कड़ा विरोध किया है. सोशल मीडिया पर लोग इस विज्ञापन का जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि विज्ञापन की वजह से हिंदुओं के भगवान का अपमान हुआ है और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है.
सोशल मीडिया में कहा जा रहा है, ‘हिंदुओं के भगवान मांस नहीं खाते हैं. विज्ञापन में भगवान गणेश को गोश्त खाते दिखाया गया है जिससे हिंदुओं के धर्म का अपमान हुआ है.’ इसके अलावा एमएलए से इस विज्ञापन के लिए माफी मांगने की भी मांग की जा रही है.