रडार सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके वस्तुओं की दूरी, गति और स्थिति का पता लगाता है। यह तकनीक सैन्य,
नई दिल्ली: रडार सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके वस्तुओं की दूरी, गति और स्थिति का पता लगाता है। यह तकनीक सैन्य, सुरक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुनिया के 5 देशों के पास सबसे उन्नत और शक्तिशाली रडार सिस्टम हैं जो आधुनिक तकनीक का बेहतरीन उदाहरण हैं।
अमेरिका के पास सबसे अत्याधुनिक रडार सिस्टम हैं, जैसे AN/TPY-2, जिसका इस्तेमाल मिसाइल हमलों से सुरक्षा के लिए किया जाता है। इसके अलावा, अमेरिका का AWACS (Airborne Warning and Control System) भी हवाई हमलों और अन्य खतरों को पहचानने में सक्षम सबसे शक्तिशाली रडार में से एक है।
रूस के पास भी बेहद मजबूत रडार सिस्टम हैं। इनमें से 55Ж6М “Vostok” और “Podlet-K1” प्रमुख हैं, जो हवा और जमीन पर होने वाली गतिविधियों को सटीकता से पहचान सकते हैं। रूस की रडार तकनीक उसे सैन्य दृष्टि से एक बड़ी ताकत बनाती है।
चीन के पास भी अत्याधुनिक रडार सिस्टम हैं, जिनमें Type 305 प्रमुख है। यह रडार सिस्टम लंबी दूरी तक के लक्ष्यों को सटीकता से पहचानने में सक्षम है और चीन की सैन्य शक्ति को मजबूत बनाता है।
इज़राइल का EL/M-2080 “Green Pine” रडार सिस्टम विशेष रूप से मिसाइल रक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। यह रडार प्रणाली बेहद प्रभावी मानी जाती है और इसे उन्नत तकनीक के साथ बनाया गया है, जो इज़राइल को सुरक्षा के मामले में बड़ी बढ़त देता है।
भारत के पास भी कई उन्नत रडार सिस्टम हैं। इनमें Arudhra और NETRA जैसे रडार शामिल हैं, जो जमीन और हवा दोनों पर लक्ष्यों को पहचानने में सक्षम हैं। भारत की ये तकनीक उसे सुरक्षा के क्षेत्र में एक उभरती ताकत बनाती है।
ये पांच देश अपनी अत्याधुनिक रडार तकनीक के कारण दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। इनकी तकनीक सुरक्षा और सामरिक उद्देश्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
ये भी पढ़ें: इजरायली हवाई हमलों के बीच जॉर्डन ने लेबनान की उड़ानों पर लगाई रोक
ये भी पढ़ें: वर्चस्व की लड़ाई में नहीं फंसना चाहता श्रीलंका- राष्ट्रपति अनुरा के. दिसानायके