शियामीन: चीन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साझा घोषणापत्र में पहली बार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत तालिबान, आईएस, अलकायदा व हक्कानी नेटवर्क की हिंसा का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही सभी आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की गई है. यह बाद विदेश मंत्रालय में सचिव प्रीति सरन ने सम्मेलन को लेकर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी है.
प्रीति सरन के कहा कि आतंकवाद पर सभी को एकजुट होकर बात करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के सदस्य कहीं न कहीं आतंकवाद को शिकार रहे हैं. इसलिए अब सभी को मिलकर इसके खिलाफ काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा उठाया. बिक्स के बाकी सदस्य के नेताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की है और इसके खिलाफ ऐक्शन पर भी जोर दिया है.
बता दें चीन में चल रहे पांच देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के सम्मेलन में पीएम पीएम मोदी ने शांति और विकास पर जोर देने की बात कही. पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग जरूरी है. पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग बहुत जरूरी है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘शांति के लिए आपसी सहयोग की जरूरत है. हमारा मिशन गरीबी को हटाना, स्वास्थ्य, सफाई, कौशल, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, शिक्षा सुनिश्चित करना है.’ इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा का मुद्दा भी ब्रिक्स सम्मेलन में उठाया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘ब्रिक्स बैंक ने विकास के लिए कर्ज देना शुरू किया है. ब्रिक्स के पांच देश समान स्तर के हैं. ब्रिक्स देशों पर बदलाव की बड़ी जिम्मेदारी है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है. हमारी सरकार डिजिटल इंडिया पर जोर दे रही है.