श्यामन : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सुर बदले हुए लग रहे हैं. सम्मेलन के शुरु होने से पहले शी जिनपिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को ज्वलंत मुद्दों के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. बता दें कि पांच देशों का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है.
शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया. लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार शांति और विकास होना चाहिए क्योंकि विश्व संघर्ष और टकराव नहीं चाहता. उनकी यह टिप्पणी भारत और चीन के बीच 75 दिनों तक चले डोकलाम विवाद और उत्तर कोरिया के हाल के परमाणु परीक्षण के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. चीन ब्रिक्स समिट के दौरान उत्तर कोरिया को लेकर विवाद नहीं चाहता और इसी वजह से उसने परमाणु परीक्षण की निंदा करने में देर नहीं की.
आतंकवाद के मुद्दे पर शी जिनपिंग ने कहा, मैं इस बात से सहमत हूं कि जब तक हम सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने का एक समग्र रूख अपनाते रहेंगे और इसके लक्षण एवं मूल कारणों का हल करते रहेंगे तब तक आतंकवादियों के पास छिपने की कोई जगह नहीं होगी.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरीकियों की हत्या करने वालों को सुरक्षित पनाहगाह देने को लेकर चीन के करीबी सहयोगी पाकिस्तान पर प्रहार किया था और इस्लामाबाद को चेतावनी भी दी थी कि आतंकवाद को संरक्षण देने पर वह और नुकसान में रहेगा.