कराची. पाकिस्तान में एक दशक से अधिक समय से रह रही मूक बधिर भारतीय लड़की गीता से भारतीय उच्चायुक्त टीएस राघवन ने मुलाकात की. राघवन ने जल्द ही गीता के परिवार को खोजने का आश्वासन दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट करके बताया, मदद करने के लिए उच्चायुक्त राघवन और उनकी पत्नी रंजना ने कराची में गीता से मुलाकात की जो 15 साल से अपने घर से दूर है.
कराची. पाकिस्तान में एक दशक से अधिक समय से रह रही मूक बधिर भारतीय लड़की गीता से भारतीय उच्चायुक्त टीएस राघवन ने मुलाकात की. राघवन ने जल्द ही गीता के परिवार को खोजने का आश्वासन दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट करके बताया, मदद करने के लिए उच्चायुक्त राघवन और उनकी पत्नी रंजना ने कराची में गीता से मुलाकात की जो 15 साल से अपने घर से दूर है.
Reaching out to help. HC Raghavan and his wife Ranjana meet with 'Geeta' in Karachi, stranded from home for 15 years pic.twitter.com/8Ie2c7A7Id
— Vikas Swarup (@MEAIndia) August 4, 2015
सुषमा स्वराज ने अपील की
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार सुबह ट्विटर पर ट्वीट कर बोलने एवं सुन पाने में अक्षम 23 साल की गीता के बारे में पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी से बातचीत की. अंसार बर्नी ने ट्वीट कर इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी. गीता को ये नाम पाकिस्तान के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दिया था. गीता की मदद के लिए एक फेसबुक पेज भी बनाया गया है, जिसमें गीता के घरवालों को ढूंढने में मदद करने का आग्रह किया गया है.
Words not needed. More visuals of the meeting between High Commissioner Raghavan and 'Geeta' in Karachi. pic.twitter.com/SV9O2XJpU1
— Vikas Swarup (@MEAIndia) August 4, 2015
गीता भी सुन-बोल नहीं सकती
फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ एक काल्पनिक कहानी पर आधारित हो सकती है, लेकिन कराची में रहने वाली मूक-बधिर भारतीय लड़की गीता 14 साल से पाकिस्तान में है और भारत में उसके परिवार को खोजने के सारे प्रयास असफल रहे हैं. पंजाब रेंजर्स करीब 14 साल पहले उसे एदी फाउंडेशन में लाए थे. संगठन के फैसल एदी ने यह जानकारी दी. फैसल ने कहा, ‘सालों से हम उसके परिवार या उसके शहर के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वह लौट सके.’
इस लड़की को पहले लाहौर स्थित ‘एदी सेंटर’ में लाया गया था और बाद में कराची स्थित संगठन के एक आश्रय गृह में भेज दिया गया. यहां ‘मदर ऑफ पाकिस्तान’ के नाम से लोकप्रिय परोपकारी महिला बिलकिस एदी ने इस लड़की का नाम ‘गीता’ रखा और अब इस लड़की के बहुत करीब हो गई हैं. अब गीता 23 साल की हो चुकी है. माना जाता है कि वह बचपन में भटककर पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गई थी. लड़की मोबाइल फोन पर भारत का नक्शा पहचानने में तो सफल रही, लेकिन एदी के कर्मचारियों को अन्य कोई जानकारी नहीं दे पायी है.
तेलंगाना के आस-पास है घर
वह पहले भारतीय नक्शे पर झारखंड पर उंगली रखती है और फिर तेलंगाना की ओर इशारा करते हुए अपने घर का पता बताने की कोशिश करती है. चेहरे के भाव और उंगलियों के इशारे से गीता ने बताया कि उसके सात भाई और चार बहनें हैं. फैसल एदी ने कहा, ‘हमने उसकी लिखी चीजें लोगों को दिखाईं लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला. वह पत्रिकाओं से हिंदी शब्दों की नकल करती है.’ आश्रय गृह के कर्मचारियों ने उसके लिए अलग से एक पूजा कक्ष बनाया है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी हैं.
मानवाधिकार कार्यकर्ता ढूंढ रहे हैं परिवार
मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने कहा, ‘वह हिंदू है और हिंदू देवी-देवताओं की रंग-बिरंगी तस्वीरें उसने लगाई हैं.’ फैसल ने बताया, ‘मैं उसके लिए नेपाल से गणेश की मूर्ति लाया था.’ इसी तरह की काल्पनिक कहानी पर बनी सलमान खान अभिनीत ‘बजरंगी भाईजान’ की सफलता के बाद सामाजिक कार्यकर्ता गीता को भारत में उसके परिवार से मिलाने के प्रयास कर रहे हैं. तीन साल पहले अपने भारत दौरे के समय गीता का मुद्दा उठाने वाले बर्नी ने इस लड़की के लिए फेसबुक अभियान चलाया है.
फैसल ने कहा, ‘पिछले साल भारतीय वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी उसके पास आए थे और तस्वीर एवं रिकॉर्ड लिए थे, लेकिन वे वापस नहीं आए.’ कई पत्रकारों ने, जिसमें एक भारतीय भी थे, ने गीता का इंटरव्यू भी लिया, लेकिन उसके परिवार के बारे में कोई पता नहीं लगा सका. संगठन के कार्यकर्ताओं ने गीता को मनाया कि वह पाकिस्तान में एक हिंदू लड़के से शादी करके नई जिंदगी की शुरुआत करे. उसने अपनी सांकेतिक भाषा में मना कर दिया और साफ किया कि वह घर लौटने के बाद ही शादी करेगी.