नई दिल्ली : डोकलाम मुद्दे को लेकर चीन ने अब इस मसले पर कूटनीतिक चाल चलनी शुर कर दी है. भारत के साथ चल रही तनातनी के बीच चीन ने नेपाल को अपने साथ लाने की कोशिश शुरु कर दी है. इसके तहत चीनी राजनयिकों ने नेपाली अधिकारियों को इस मुद्दे पर अपना पक्ष बताया है.
दरअसल, नेपाल चीन और भारत के साथ दो ट्राइजंक्शन शेयर करता है. एक पश्चिमी नेपाल के लिपुलेख में और दूसरा पूर्वी हिस्से स्थित जिनसंग चुली में. बीते वक्त में नेपाल लिपुलेख को लेकर चिंतित रहा है. यह विवादित कालापानी इलाके में पड़ता है, जिसपर भारत और नेपाल, दोनों ही दावा करते रहे हैं.
चीन इस बात को बखूबी समझता है कि नेपाल भारत के पड़ोस में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है. अभी तक नेपाल की ओर से इस मुद्दे पर भारत से कोई भी जानकारी नहीं मांगी गई है. लेकिन नेपाल में इस बात को लेकर चिंता है कि चीन, भारत और भूटान के बीच बढ़ता विवाद नेपाल के हित में नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन इस बात पर अड़ा है कि भारत के साथ सार्थक वार्ता करने के लिए पहले उसे डोकलाम क्षेत्र से अपने सैनिकों को पीछे हटाना पड़ेगा. चीन के डिप्टी चीफ ने इस मुद्दे को लेकर नेपाल में अपने समकक्ष से बातचीत की है. उन्होंने बातचीत में चीन की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है.