नई दिल्ली. भारत-बांग्लादेश के बीच लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट(एलबीए) के तहत शुक्रवार के दिन दोनों देशों के बीच 162 एंक्लेव की अदला-बदली हुई. अब भारत में बांग्लादेशी एंक्लेव और बांग्लादेश में भारतीय एंक्लेव 31 जुलाई की आधी रात से एक दूसरे के हिस्से में हस्तांतरित माने जाएंगे.
एलबीए के तहत भारत ने जहां 7110 एकड़ जमीन में फैले 51 एन्क्लेव बांग्लादेश को हस्तांतरित किया, वहीं बांग्लादेश ने करीब 17160 एकड़ में फैले 111 एन्क्लेवों को भारत को सौंपा है. बांग्लादेश और भारत 1974 के एलबीए करार को लागू करेंगे और सितंबर, 2011 के प्रोटोकॉल को अगले 11 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 31 जुलाई भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा. इस दिन को उस जटिल मुद्दे का समाधान हुआ जो आजादी के बाद से लंबित था. जून में पीएम मोदी के ढाका दौरे के दौरान भूमि सीमा समझौते और प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दिया गया. अब भारत और बांग्लादेश के एंक्लेव में रहने वाले लोगों को संबंधित देश की नागरिकता और नागरिक को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिल सकेंगी. केंद्र ने एग्रीमेंट के तहत प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 3048 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है.
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