नई दिल्ली : चीन ने एक बार फिर से आतंकी मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव के बीच में अपनी टांग अड़ा दी है. चीन ने चालबाजी दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर वीटो का अधिकार किया है. चीन ने इसबार मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर 3 महीने के लिए तकनीकी रोक लगा दी है.
पठाकोट हमले के मास्टरमाइंड का पक्ष लेने पर चीन के साथ भारत के तनाव की स्थिति और गहरा सकती है. अभी डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं भी आमने सामने हैं और राजनयिक तौर पर भी तनाव बरकरार है.
इससे पहले बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि मसूद अजहर पर समय आने पर निर्णय लिया जाएगा. भारत जैश सरगना को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने की लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव को चीन किसी न किसी बहाने से रोकता रहा है.
अजहर मसूद को आतंकियों के लिए लिस्ट में डाला जाता है तो यह भारत के लिए कामयाबी होगी। अजहर मसूद की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकेगी. वह खुलेआम पाकिस्तान में रैलियां नहीं कर सकेगा, जैसा कि अभी वह करता है.
बता दें कि आतंकियों और आतंकी संगठनों पर बैन लगाने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद की 1267 कमेटी ही करती है. अक्टूबर 1999 में यूएन सिक्युरिटी काउंसिल ने 1267 रेजोल्यू्शन पास किया था. इसी के तहत ओसामा बिन लादेन को आतंकी घोषित करने के बाद उस पर और उसके संगठन अल कायदा पर बैन लगाया था.